जापान की समुद्री सीमा के करीब चीन और रशिया का संयुक्त युद्धाभ्यास

बीजिंग/टोकियो – चीन और रशिया ने ‘सी ऑफ जापान’ में संयुक्त युद्धाभ्यास शुर किया है। एशिया-पैसिफिक क्षेत्र की शांति और स्थिरता सुरक्षित रखने के लिए दोनों देशों की सेना, नौसेना और वायु सेना का यह युद्धाभ्यास है, ऐसी जानकारी चीन के सरकरारी मुखपत्र ने साझा की। लेकिन, चीन-रशिया का यह युद्धाभ्यास अमरीका, जापान और दक्षिण कोरिया के बढ़ते सैन्य सहयोग विरोधी होने का दावा जापान के माध्यम कर रहे हैं। शुक्रवार को अमरीका, जापान और दक्षिण कोरिया के वरिष्ठ अधिकारियों के विशेष बैठक का टोकियो में आयोजन हुआ। उत्तर कोरिया के खतरे की पृष्ठभूमि पर यह बैठक आयोजित हुई थी, ऐसा पश्चिमी माध्यमों का कहना हैं। लेकिन, यह बैठक उत्तर कोरिया विरोधी नहीं, बल्कि चीन विरोधी है, यह विश्लेषकों का कहना हैं।

गुरुवार से चीन और रशिया के रक्षाबलों के ‘नॉर्दर्न/इंटरॅक्शन२०२३’ युद्धाभ्यास की शुरूआत हुई। ‘सी ऑफ जापान’ की सीमा में आयोजित यह युद्धाभ्यास चार दिन शुरू रहेगा। इसमें चीन और रशियन नौसेना के कुल दस विध्वंसक एवं ३० से अधिक लड़ाकू, बॉम्बर, भारी सामान की यातायात करने वाले एवं राड़ार यंत्रणा से लैस विमान शामिल हुए हैं। चीन के छह और रशिया के पनडुब्बी विरोधी विध्वंसक के साथ कुल चार विध्वंसक इस युद्धाभ्यास का हिस्सा हुई है।

‘सी ऑफ जापान’ के सुशिमा की खाड़ी में यह नौसैनिक युद्धाभ्यास हो रहा हैं और दोनों देशों के लड़ाकू विमान भी यहां की हवाई सीमा में अपना प्रदर्शन करेंगे। इस युद्धाभ्यास के आखरी दिन चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी के टैंक आग  बरसाएंगे, ऐसा दावा भी किया जा रहा है। एशिया-प्रांत समुद्री क्षेत्र की शांति और सुरक्षा बरकरार रखने के लिए रशिया के साथ इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया, ऐसा चीन के सरकारी मुखपत्र ने कहा है। लेकिन, ताइवान मामले में जापान की दखलअंदाज़ी बढ़ रही हैं और इसी बीच इस युद्धाभ्यास का आयोजन करने की ओर चीनी मुखपत्र ने ध्यान आकर्षित करके जापान को चेतावनी दी है।

जापान की समुद्री सीमा से करीबी क्षेत्र में यह युद्धाभ्यास हो रहा है और हमारे रक्षा बल इसपर बारीक नज़र बनाए होने का बयान जापान के रक्षा मंत्रालय ने किया है। जापान ने अपने विध्वंसक, पनडुब्बी और समुद्री बारूद विरोधी जहाज़ तैयार रखे हैं और कानोया हवाई अड्डे पर मौजूद विमानों को अलर्ट रहने को कहा है। चीन और रशियन नौसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास का आयोजन पहले भी किया गया था। लेकिन, इस बार दोनों देशों के रक्षाबलों का हो रहा यह युद्धाभ्यास ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

चीन-रशिया का यह युद्धाभ्यास अमरीका, जापान और दक्षिण कोरिया विरोधी होने का दावा जापान के शीर्ष अखबार ने किया है। पिछले कुछ दिनों से अमरीका ने जापान और दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य सहयोग  बढ़ाया है। पिछले कुछ हफ्तों में अमरिकी रक्षा मंत्री, रक्षाबलप्रमुख एवं इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख ने जापान का दौरा किया है। शुक्रवार को भी अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी जापान की राजधानी टोकियो पहुंचे हैं। उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर तीन देशों की चर्चा होने का ऐलान अमरीका ने किया। लेकिन, अमरीका का जापान और दक्षिण कोरिया के साथ बढ़ता सहयोग चीन को लक्ष्य करने वाला है, यह दावा जापानी माध्यम और विश्लेषक कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.