अमरिका ‘५जी’ तकनीक के युद्ध में पराजीत हो सकती है – रक्षा विभाग के अहवाल में इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/बीजिंग/सेऊल –
३० मार्च – चीन के ‘शांघाय’ शहर के एक हिस्से में ‘५जी’ का परीक्षण शुरू|
३ अप्रैल – दक्षिण कोरिया और अमरिका ने व्यावसायिक स्तर पर ‘५जी’ की सेवा शुरू की|
– अमरिका के ‘मैसेच्युसेटस् इन्स्टिट्युट ऑफ टेक्नालॉजी’ ने चीन की ‘हुवेई’ एवं ‘झेडटीई’ कंपनीयों के साथ बने संबंध तोड दिए।

भविष्य की दूरसंचार तकनीक के तौर पर जाने जा रही ‘५जी’ तकनीक को लेकर एक के पीछे एक घटनाओं की श्रृंखला शुरू हुई है, ऐसे में अरिकी रक्षा विभाग ने किया इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है| इस संबंधी प्राप्त अहवाल में ‘५जी’ तकनीक से जुडी स्पर्धा में चीन के सामने अमरिका परास्त हो सकती है, यह इशारा दिया गया है| दो महीनों पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने ‘५जी’ के साथ अन्य प्रमुख तकनीकी क्षेत्र में वर्चस्व कायम रखने के लिए अमरिका के स्वतंत्र कार्यक्रम का ऐलान किया था|

‘द ५जी इकोसिस्टिमः रिस्कस ऍण्ड अपॉच्युनिटिज् फॉर डीओडी’ नाम से ‘डिफेन्स इनोव्हेशन बोर्ड’ ने हाल ही में एक अहवाल प्रसिद्ध किया है| इस अहवाल में चीन ने ‘५जी’ तकनीक के क्षेत्र में बढत बनाई तो यह बात अमरिका की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होगी, यह इशारा बडी गंभीरता से दिया है| अमरिका ने ‘४जी’ तकनीक के क्षेत्र में आक्रामकता से कदम उठाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढत प्राप्त की थी एवं अन्य देशों ने अमरिका का ही अनुकरण किया था’, इस बात पर संबंधित अहवाल ने ध्यान आकर्षित किया है|

लेकिन, ‘५जी’ तकनीकी क्षेत्र में ऐसे ही आक्रामकता से बढत हासिल करने के लिए अमरिका ने जरूरी गति से कदम उठाए नही है, यह दावा रक्षा विभाग के इस अहवाल में किया गया है| जागतिक स्तर पर ‘५जी’ के लिए तय की गई ‘रेडिओ वेव्ज’ ‘स्पेक्ट्रम बैंड’ अमरिका में रक्षा विभाग के साथ अन्य अहम विभागों के लिए आरक्षित रखे गए है| इस वजह से अमरिकी कंपनीयों को इन वेव्ज का मुक्त तौर पर इस्तेमाल करके नागरी एवं व्यावसायिक सेवा उपलब्ध करने में समस्या का सामना करना होगा| इस स्थिति का लाभ दुनिया के अन्य, खास तौर पर चीन की कंपनीयां उठाएंगी और ‘५जी’ के अंतरराष्ट्रीय बाजार में वर्चस्व स्थापित करेंगी, इस संभावना का एहसास रक्षा विभाग के अहवाल में कराया गया है|

इसके लिए अमरिकी रक्षा विभाग देश में नागरी एवं व्यावसायिक सेवाओं के लिए ‘स्पेक्ट्रम बैंड’ उपलब्ध कराए और अमरिकी तकनीकी क्षेत्र से जुडे ‘बुद्धिसंपदा’ हक संबंधी कानून अधिक कठोर करे, यह सलाह इस अहवाल दी गई है| साथ ही ‘५जी’ तकनीक के लिए तैयार किए जा रहे उपकरण बनाने में सुरक्षा से जुडे मुद्दों का सही मायने में पालन ना करनेवाले देशों के उत्पादों पर ७५ प्रतिशत आयात कर लगाने का सुझाव भी किया गया है| अमरिकी सरकार तेजीसे कदम बढाती नही है तो ‘५जी’ तकनीक के क्षेत्र में पीछे रहना होगा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी इसका गंभीर असर होगा, यह इशारा ‘डिफेन्स इनोव्हेशन बोर्ड’ ने प्रसिद्ध किए इस अहवाल में दिया है|

अमरिकी रक्षा विभाग ‘५जी’ के मुद्दे पर पराजीत होने के इशारे दे रहा है, तभी अमरिका के भूतपूर्व अधिकारियों ने स्वतंत्र निवेदन प्रसिद्ध किया है| इस निवेदन में उन्होंने अमरिका के सहयोगी देश भी ‘५जी’ सेवाओं के लिए चीन की कंपनीयों की सहायता ना ले, यह चेतावनी दी है| इसमें उन्होंने चीन की कंपनीयां और उनकी सेना एवं सरकार से जुडे संबंधों का मुद्दा उपस्थित किया है और इसका सुरक्षा पर गंभीर असर हो सकता है, इस ओर ध्यान भी आकर्षित किया है|

संबंधी निवेदन प्रसिद्ध करने में अमरिका की ‘नैशनल इंटेलिजन्स’ के भूतपूर्व प्रमुख जेम्स क्लैपर एवं नाटो के लिए यूरोप में बतौर प्रमुख काम करनेवाले पूर्व कमांडर जेम्स स्टैव्हरिडिस इनका समावेश है| इन अधिकारियों ने चीन द्वारा विकसित की गई ‘५जी’ तकनी एवं उसका इस्तेमाल यह चिंता का विषय होने की बात स्पष्ट तौर पर दर्ज की है|

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