चीन ने विमानवाहक युद्धपोत की फैक्टरी शुरू की – अमरिकी अभ्यास गुट का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: एशियापैसिफिक समुद्री क्षेत्र में अमरिकी नौसेना को चुनौती देने की तैयारी में होनेवाले चीन ने विमान वाहक युद्धपोत की फैक्टरी शुरू की है| अमरिका के विशाल विमान वाहक युद्धपोतों की तरह ही फ्लैट डेकयुद्धपोतों का निर्माण चीन कर रहा है| शांघाय शहर के एक बंदरगाह में चीन ने एक साथ तीन से चार विमान वाहक युद्धपोतों के निर्माण का काम हाथ में लिया है, यह दावा अमरिका के नामांकित अभ्यास गुट ने किया है|

अमरिका के सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक ऍण्ड इंटरनैशनल स्टडिज्(सीएसआईएस) इस अभ्यास गुट ने सैटेलाईट फोटो प्रसिद्ध किए है| इन फोटों में पिछले वर्ष से शांघाय के जियांग्नान शिपयार्डमें हुए बदलाव की स्थिति दिखाई दे रही है| पिछले वर्ष में इस शिपयार्ड में एक ही विमान वाहक युद्धपोत के निर्माण के लिए जरूरी जागा उपलब्ध थी| पर पिछले कुछ महीनों में इस शिपयार्ड में एक जगह पर विमानवाहक युद्धपोत का निर्माण कार्य हो रहा है और अन्य तीन जगहों पर विमान वाहक युद्धपोत के लिए आवश्यक हिस्से रखे गए दिखाई दे रहे है|

जियांग्नान शिपयार्ड में एक वर्ष में देखें गए बदलाव और विमान वाहक युद्धपोतों के लिए जरूरी काफी पुर्जे देखे तो चीन कम से कम तीन से चार विमान वाहक युद्धपोतों के निर्माण की कोशिश में होने की बात अमरिकी अभ्यास गुट ने कही है| अमरिकी अभ्यास गुट की इस जानकारी पर चीन ने अभी प्रतिक्रिया नही दी है| पर, इस शिपयार्ड में टाईप ००२इस युद्धपोत के निर्माण का कार्य शुरू है, यह घोषणा चीन ने पहले ही की थी| इसके अलावा सागरी हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए चीन की नौसेना के बेडे में दस विमान वाहक युद्धपोतों की जरूरत होने की बात चीन के वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने कुछ महीनें पहले घोषित की थी|

चीन की नौसेना में लिओनिंगयह एक ही विमान वाहक युद्धपोत कार्यरत है| पर लिओनिंगयुद्धपोत यह चीन की नौसेना के लिए भार समझी जा रही है| वजन में भारी होनेवाली इस युद्धपोत से युद्ध के समय में चीन में बनें विमानों का उडान भरना आत्मघात साबित होगा, यह सलाह चीन के ही विश्‍लेषक दे रहे है| इस वजह से लिओनिंग नौसेना में कार्यरत होते हुए भी इसे गहरें समुद्र में मुहीम पर भेजेने से चीन दूर रहा है| वही, ‘टाईप ००१एइस दुसरी विमान वाहक युद्धपोत के अभी भी परीक्षण शुरू है| चार दिन पहले ही इस युद्धपोत का आठवां परीक्षण किया गया| अगले डेढ वर्ष के बाद यह युद्धपोत चीन की नौसेना में शामिल होगी|

इसी बीच नौसेना का सामर्थ्य बढाकर अमरिका के समुद्री वर्चस्व को चुनौती देने के लिए चीन यह गतिविधियां कर रहा है, यह दावा अमरिकी विश्‍लेषक कर रहे है|

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