ईंधन के दरों में हुई उथल-पुथल के बाद भी अमरिका ही ईंधन क्षेत्र पर नियंत्रण रखेगी – अमरिकी उप-उर्जामंत्री का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – ‘अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने उर्जा क्षेत्र में अपना देश अन्य देशों से भी आगे रहे, इस उद्देश्य से अपनी निती बनाई है| उर्जा क्षेत्र में अमरिका नियंत्रण रखेगी, यह ट्रम्प की भूमिका है| इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार आशंका उपस्थित की जा रही है| अमरिका अपनी क्षमता के अनुसार अधिक से अधिक उर्जा और ईंधन का उत्पाद करेगी| यह उत्पादन पर्यावरण का नुकसान करनेवाली नही रहेगी एवं किफायती भी होगी, यह ध्यान रखेंगे, यही इसपर जवाब रहेगा’, इन शब्दों में अमरिका के उप-उर्जामंत्री डॅन ब्रॉयलेट ने आनेवाले समय में उर्जा क्षेत्र पर अमरिका का वर्चस्व रहेगा, यह दावा किया|

खाडी क्षेत्र में अबुधाबी में उर्जा क्षेत्र से संबंधित ‘वर्ल्ड एनर्जी कांग्रेस’ परिषद शुरू है| इस परिषद की पृष्ठभूमि पर निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में अमरिका के उप-उर्जामंत्री ने ट्रम्प सरकार की ‘एनर्जी डॉमिनन्स पॉलिसी’ संबंधी भूमिका स्पष्ट की| पिछले कुछ वर्षों में अमरिका ने ‘शेल’ तकनीक के बलबुते पर ईंधन क्षेत्र में जोर लगाया है और यूरोप एवं एशियाई देशों को ईंधन की निर्यात करना भी शुरू किया है| अगले कुछ वर्षों में अमरिका ईंधन की आयात बंद करके स्वयंपूर्ण होगी, ऐसे रपट भी कई संस्था एवं विशेषज्ञ दे रहे है|

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इसी कारण से पहल की है और उप-उर्जामंत्री डॅन ब्रॉयलेट ने किया दावा उसका समर्थन कर रहा है| ‘अमरिका की ईंधन संबंधी निती किमतों में बदलाव करने के उद्देश्य से तय नही की गई है| अमरिका की अर्थव्यवस्था सीर्फ इसी एक बात पर निर्भर नही है| लेकिन, फिर भी अमरिका की निती की वजह से ईंधन की किमतों में उतार-चढाव होता है| इसके पीछे अमरिका में ईंधन का हो रहा बडा उत्पादन कारण है’, इन शब्दों में अमरिकी मंत्री ने पिछले  कुछ वर्षों में ईंधन क्षेत्र में अमरिका ने बनाए सुधार की ओर ध्यान आकर्षित किया| इस वर्ष के अंत तक अमरिका में कच्चे ईंधन का उत्पादन प्रतिदिन १ करोड ३० लाख बैरल्स तक पहुंचेगा, यह दावा भी उन्होंने किया|

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन के किमतों में कितनी भी उथल पुथल हो, फिर भी अमरिका के उत्पादन की गति एवं क्षमता कम नही होगी और इसी बलबुते पर अमरिका उर्जा क्षेत्र में अपना नियंत्रण बरकरार रखेगी, यह इशारा उप-उर्जामंत्री डॅन ब्रॉयलेट ने दिया है| अमरिकी मंत्री ने किए इस वक्तव्य की वजह से अगले समय में ईंधन उत्पादक देशों की ‘ओपेक’ संगठन का इस क्षेत्र पर नियंत्रण बरकरार रहेगा क्या, यह मुद्दा फिर से उठ रहा है| पिछले कुछ वर्षों की गतिविधियां ‘ओपेक’ का प्रभाव खतम होन के संकेत दे रही है|

इसी बीच, ईंधन क्षेत्र के प्रमुख देश होनेवाले सौदी अरब ने ‘प्रिन्स अब्दुलअझिझ बिन सलमान’ को देश ईंधनमंत्री नियुक्त किया है| इस नियुक्ती के साथ ही सौदी के शाही परीवार की व्यक्ति के हाथों में पहली बार ईंधनमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है| ‘प्रिन्स अब्दुलअझिझ बिन सलमान’ ने ‘ओपेक’ एवं रशिया के बीच ईंधन का उत्पादन कम करने के लिए किया समझौता बरकरार रहेगा, यह वादा किया है|

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