लीबियन सेना और बागियों के बीच हुए संघर्ष में ३० लोगों की मौत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरत्रिपोली: लीबियन लष्कर और हफ्तार बागियों में भड़के संघर्ष में ३० लोग ढेर हुए हैं| तथा एक सौ से अधिक लोग जख्मी हुए हैं| राजधानी त्रिपोली एवं आसपास के भागों पर नियंत्रण के लिए यह संघर्ष भड़कने की बात लिबियन लष्कर ने कही है| पिछले वर्ष से लीबिया में शुरू यह संघर्ष रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ ने लीबियाई सरकार और बागियों के सामने चर्चा का प्रस्ताव रखा था| पर लीबिया में सेराज सरकार का तख्ता पलट करने के सिवाय कोई भी चर्चा संभव न होने की भूमिका हफ्तार के समर्थकों ने स्वीकारी है|

बागी नेता जनरल खलीफा हफ्तार के नेतृत्व में लीबियन बागियों ने फिर एक बार त्रिपोली पर कब्जा प्राप्त करने के लिए कदम बढाया है| कैंप-४७ लष्करी अड्डा और सीमेंट फैक्ट्री बागियों के निशाने पर होने की जानकारी लीबियन लष्कर ने दी है| बागियों के हमलें उधेड़ने के लिए लीबियन सरकार ने जोरदार कार्रवाई की है| राजधानी त्रिपोली के साथ साबिया और अल-खमीस, इम्साहेल इन भागों में बागियों के साथ हुए संघर्ष में बागियों को भगाने का दावा लष्कर ने किया है|

इन हमलों में ३० बागी ढेर हुए हैं और १०० से अधिक लोग जख्मी हुए हैं| तथा इन जख्मियों को कब्जे में लेने की जानकारी लीबियन लष्कर ने दी है| पिछले कुछ महीनों से त्रिपोली के कब्जे के लिए शुरू संघर्ष में हफ्तार गुट के बागियों को लगा यह सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है| इसके बाद भड़के बागियों ने ‘वादी राबिया’ इस लीबियन लष्कर के बख्तरबंद वाहन पर हवाई हमले किएं| इस हमले में लीबियन लष्कर को जीवित हानी सहनी पड़ी है, ऐसा बागियों ने कहा है|

शनिवार से लीबियन लष्कर और बागियों का यह संघर्ष अधिक तीव्र हुआ है| इस संघर्ष के कुछ घंटे पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ ने लीबिया में दोनों गुटों को संघर्षबंदी का प्रस्ताव दिया था| लीबियाई जनता के लिए लष्कर और बागी संघर्षबंदी स्वीकारें और चर्चा से प्रश्न सुलझाएं ऐसा आवाहन संयुक्त राष्ट्रसंघ ने किया था| पर लीबियन बागियों ने यह प्रस्ताव ठुकराया है|

त्रिपोली के लिए शुरू संघर्ष आखरी स्तर में पहुंचा है और गोलियां बरसते समय राजनीतिक समझौते संभव नहीं है| चर्चा का समय पहले ही टल चुका है| लीबिया में सुरक्षा और कानून सुव्यवस्था निर्माण करनी है, तो लष्करी कार्रवाई यह अंतिम विकल्प है, ऐसा कहकर बागियों ने राष्ट्रसंघ का प्रस्ताव ठुकराया है|

दौरान पिछले कुछ महीनों से लीबियन लष्कर और बागियों में शुरू संघर्ष में १२०० लोगों की जान गई है और १२ लाख लोग विस्थापित हुए हैं| लीबिया में इस संघर्ष में तुर्की, ईरान यह देश लीबिया में सेराज सरकार का समर्थन कर रही है| तथा रशिया, संयुक्त अरब अमीरात ने जनरल हफ्तार को समर्थन दिया है| जिसकी वजह से राजधानी त्रिपोली पर कब्जा होनेवाले लिबियन सरकार एवं हफ्तार के बागियों के बीच छिड़ी मुठभेड़ को देशों के मोर्चों के संघर्ष की पृष्ठभूमि है|

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