लंदन के चीनविरोधी प्रदर्शनों में भारतीयों समेत पाकिस्तानी भी सहभागी

लंदन – चीन के विस्तारवाद का निषेध करने के लिए लंदनस्थित भारतीयों ने दो दिन पहले चिनी दूतावास के सामने प्रदर्शन किये। चीन के विरोध में किये इन प्रदर्शनों में पाकिस्तानी तथा ईरानी प्रदर्शनकारियों ने भी हिस्सा लिया था। इससे यही बात सामने आ रही है कि केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि चीन के मित्रदेश कहलानेवाले पाकिस्तान तथा ईरान की जनता में भी चीन के ख़िलाफ़ नाराज़गी है।

China-protestचीन की विस्तारवादी नीति और पड़ोसी देशों में बढ़ती दख़लअन्दाज़ी इनके विरोध में भारतीयों ने दुनियाभर में प्रदर्शन आयोजित किये थे। ब्रिटन में स्थायिक हुए भारतीयों ने रविवार को राजधानी लंदनस्थित चिनी दूतावास के सामने आंदोलन का आयोजन किया था। उस समय भारतीय प्रदर्शनकारियों ने ‘बॉयकॉट चायना’, ‘डाऊन विथ चायना’, ‘चायना डाऊन डाऊन’, ‘चायना बॅक ऑफ’, ‘से नो टू एक्सपान्शन’ ऐसे ज़ोरदार नारें लगाये। साथ ही, ‘फ्री तिबेट’, ‘फ्री हाँगकाँग’, ‘फ्री उघूर’ ऐसे नारें भी लगाये गए। इन चीनविरोधी प्रदर्शनों में पाकिस्तानी भी सहभागी हुए थे। साथ ही, पाकव्याप्त कश्मीर से आये कुछ लोगों ने भी इसमें सहभाग लिया होने की बात सामने आयी है।

पाकिस्तान के कराची शहर के पूर्व मेयर और फिलहाल मानवाधिकार कार्यकर्ता होनेवाले आरिफ अजाकिया का इन प्रदर्शनों में मुख्य रूप में समावेश था। उस समय अजाकिया ने भारतीयों के साथ राष्ट्रगीत का गायन किया और ‘भारत माता की जय’ ऐसा जयघोष किया। पाकिस्तानी लष्कर राजनीति में कर रहे दख़लअन्दाज़ी के खिलाफ़ आक्रमक भूमिका अपनानेवाले अजाकिया को पाकिस्तान छोड़कर ब्रिटन में पनाह लेनी पड़ी थी। अजाकिया के साथ ही, पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर के मीरपूर में जन्में और मानवाधिकार कार्यकर्ता ‘अमजद अयुब मिर्झा’ ये भी चीन का निषेध करने के लिए इन प्रदर्शनों में सहभागी हुए थे।

‘मैं पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर से आया होकर, खुद को भारतीय मानता हूँ। पाकिस्तान की सरकार ने हमारा गिलगीट-बाल्टिस्तान ‘सीपीईसी’ परियोजना के लिए चीन को बहाल किया है और अब चीन हमारे भूभाग को नोंच रहा है’, ऐसी तीख़ी आलोचना मिर्झा ने की है। इस समय चीन के दूतावास के सामने पहले से ही प्रदर्शन कर रहे ईरानी प्रदर्शनकारी भी भारतीयों के इन प्रदर्शनों में सहभागी हुए थे। चीन और ईरान में हाल ही में संपन्न हुए सहयोग समझौते के विरोध में ये ईरानी नागरिक प्रदर्शन कर रहे थे। चीन ने हमारे भूभाग पर भी कब्ज़ा किया होकर, भारत ने चीन के विरोध में आयोजित किये प्रदर्शनों को हमारा भी समर्थन है, ऐसी प्रतिक्रिया ईरानी प्रदर्शनकारियों ने इस समय दी। चीन ने ईरान में ४०० अरब डॉलर्स का निवेश करने का प्रस्ताव दिया होकर, उस संदर्भ में समझौता होने से पहले ही उसे विरोध होने लगा है, यह बात सामने आयी है।

इस प्रकार, दुनियाभर के प्रमुख देशों में चीन की विस्तारवादी नीति के ख़िलाफ़ प्रदर्शन आयोजित किये जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में भारतीयों ने अमरीका, कॅनडा, जापान इन देशों में आयोजित किये हुए चीनविरोधी प्रदर्शनों को बड़ा प्रतिसाद मिला था। इन प्रदर्शनों में स्थानीय भारतीयों के साथ ही जापान, ताइवान, तिब्बत, नेपाल, हाँगकाँग तथा भूटान इन देशों से आये लोगों का भी बड़ा सहभाग था। चीन के विरोध में जारी इस आंदोलन की दखल आंतर्राष्ट्रीय माध्यमों ने ली है।

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