लोकतांत्रिक भारत के साथ ब्रिटेन अपना सहयोग मज़बूत करेगा – ब्रिटेन की नई विदेशमंत्री का ऐलान

लंदन – ‘ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमरीका का ‘ऑकस’ लष्करी संगठन ऑस्ट्रेलिया की व्यापारी यातायात सुरक्षित करने के लिए हैं। लेकिन, ब्रिटेन को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के तानाशाही देशों को रोकने के लिए भारत के साथ व्यापारी और रक्षा संबंधित सहयोग बढ़ाने हैं’, ऐसा बयान ब्रिटेन की नई विदेशमंत्री लिज़ ट्रूस ने किया है। ऑकस के सहयोग का भारत के साथ सहयोग पर विपरित असर नहीं होगा, यह बात ऑस्ट्रेलिया और अमरीका के साथ ही अब ब्रिटेन भी बड़ी तीव्रता से कह रहा है। ब्रिटेन की नई विदेश मंत्री इस बात को रेखांकित करती दिखाई दे रही हैं।

लोकतांत्रिक भारतइंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लोकतांत्रिक देशों के साथ ब्रिटेन को व्यापार और सुरक्षा के संबंध मज़बूत करने हैं। इनमें भारत, जापान और कनाड़ा का समावेश होने का बयान विदेशमंत्री ट्रूस ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार के दौरान किया। इससे पहले ब्रिटेन के व्यापारमंत्री रहीं लिज़ ट्रूस ने भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापारी समझौता करने के लिए कोशिश की थी। इसका दाखिला देकर ट्रूस ने भारत के साथ ब्रिटेन के ताल्लुकात की अहमियत हमें पूरी तरह से ज्ञात होने की बात स्पष्ट की।

भारत जैसे लोकतंत्र पर प्रेम करनेवाले देश के साथ सहयोग स्थापित करके ब्रिटेन दुष्ट मंशा रखनेवाले देशों के खिलाफ मज़बूत गठबंधन खड़ा करेगा। इसमें मज़बूत व्यापारी और लष्करी सहयोग का समावेश होगा, यह दावा भी विदेशमंत्री ट्रूस ने इस साक्षात्कार के दौरान किया। यानी क्या ब्रिटेन अब चीन को रोकने की कोशिश करेगा? यह सवाल साक्षात्कार कर रहे पत्रकार ने इस दौरान पूछा। इस पर बोलते हुए ब्रिटेन की विदेशमंत्री ने हम लोकतंत्र का पुरस्कार करेंगे, ऐसा सूचक जवाब दिया।

हाँगकाँग में लोकतांत्रिक प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई कर रहे चीन के साथ ब्रिटेन के ताल्लुकात में तनाव निर्माण हुआ है। ऐसे में साऊथ चायना सी क्षेत्र में ब्रिटेन के विमान वाहक युद्धपोत ने गश्‍त लगाना चीन के गुस्से का विषय बना है। इस वजह से दोनों देशों के बीच तनाव निर्माण हुआ है और तभी ब्रिटेन ने ऑगस संगठन का हिस्सा होकर चीन को रोकने में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार होने का संदेश दिया है। यह लष्करी संगठन हमारे खिलाफ ही होने का बयान चीन कर रहा है। इसके बावजूद भारत के साथ जारी संबंधों को ब्रिटेन अहमियत दे रहा है, यही बात इस देश की नई विदेशमंत्री लिज़ ट्रूस कह रही हैं।

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