रक्षाबलों को अधिक सक्षम करनेवाली ‘अग्निपथ’ योजना पीछे नहीं लेंगे – रक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारी का ऐलान

नई दिल्ली – देश के कुछ हिस्सों में ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं और यह योजना सरकार पीछे ले, ऐसी माँग की जा रही है। लेकिन, यह योजना पीछे लेने का सवाल ही नहीं उठता, ऐसा कहकर तीनों रक्षाबलों के अधिकारियों ने इस योजना का जोरदार समर्थन किया। साथ ही किसी भी तरह का विचार किए बिना जल्दबाज़ी से यह योजना लायी गई है, यह आपत्ति भी रक्षाबलों के अधिकारियों ने ठुकरायी। फिलहाल सेना के लिए सैनिकों की औसतन उम्र ३२ है और इसे कम करके सेना को अधिक सक्षम बनाने की कोशिश ‘अग्निपथ’ के माध्यम से हो रही है। काफी पहले से रक्षाबल यह योजना तैयार कर रहे थे, यह जानकारी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने साझा की।

‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में कुछ ठिकानों पर हो रही हिंसा की पृष्ठभूमि में इस योजना की अधिक जानकारी देने के लिए रक्षाबलों ने वार्तापरिषद का आयोजन किया था। सेना के ‘डिपार्टमेंट ऑफ मिलिटरी अफेअर्स’ विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी ‘लेफ्टनंट जनरल अनिल पुरी, नौसेना के वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और एअर मार्शल एस.के.झा ने इस वार्तापरिषद को संबोधित किया। ‘शासन ही सेना की सेवा की नींव है और शासन का भंग करके आगजनी या तोड़फोड़ करनेवालों को सेना की सेवा का अवसर नहीं मिलेगा। हम इन हिंसक प्रदर्शनों का हिस्सा नहीं थे, ऐसा प्रतिज्ञापत्र अग्निवीर के तौर पर भरती होनेवाले प्रत्येक को देना होगा। इसकी छानबीन भी होगी। इस हिंसा के लिए जिनके खिलाफ शिकायत दर्ज़ हुई है, उन्हें अग्निवीर के तौर पर भरती का अवसर नहीं दिया जाएगा, ऐसा लेफ्टनंट जनरल अनिल पुरी ने स्पष्ट किया।

साथ ही अग्नीपथ योजना पीछे लेने का सवाल ही नहीं उठता, ऐसा कहकर लेफ्टनंट जनरल पुरी ने इस योजना का समर्थन किया। सेना के सैनिकों की औसतन उम्र ३२ है। इसे कम करके सेना को अधिक सक्षम बनाने की कोशिश अग्निपथ योजना से हो रही है। काफी पहले से इस योजना पर सोच विचार हो रहा था। कारगिल युद्ध के बाद गठित की गई उच्चस्तरीय समिती ने भी इसकी सिफारीश की थी, इसका अहसास लेफ्टनंट जनरल अनिल पुरी ने कराया। इस वजह से यकायक और किसी भी सोचविचार के बिना इस योजना को लाया गया है, इस आपत्ति में कोई सच्चाई ना होने की बात पर लेफ्टनंट जनरल पुरी ने ध्यान आकर्षित किया। हर वर्ष रक्षाबलों की सेवा से १७,६०० लोग समय से पहले निवृत्त होते हैं। आगे के जीवन में वे क्या करेंगे? यह सवाल उनसे कोई नहीं करता, ऐसा लेफ्टनंट जनरल पुरी ने कहा।

साथ ही चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों के सामने नौकरी और करिअर के अधिक अवसर नहीं रहेंगे, ऐसी चिंता कुछ लोग व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन, अग्निवीरों को बैंकिंग और कार्पोरेट क्षेत्र में बेहतर करिअर का अवसर मिलेंगे। कुछ कंपनियाँ इसके लिए अभी से तैयार हैं, ऐसा दावा लेफ्टनंट जनरल पुरी ने किया। साथ ही कुछ राज्यों की सरकारों ने अग्निवीरों को पुलिस और अन्य विभागों में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है, इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

प्रदर्शन होने के बाद अग्निवीरों को अधिक सहुलियतें और सुविधाओं का कैसे ऐलान किया गया, इस सवाल पर लेफ्टनंट जनरल पुरी ने जवाब दिया। यह सहुलियत और सुविधा प्रदान करने की बात पहले ही तय हुई थी और इसकी जानकारी विभिन्न चरणों में सार्वजनिक करने का मुद्दा पहले ही तय था, इसका प्रदर्शनों से संबंध नहीं जोड़ा जा सकता, ऐसा लेफ्टनंट जनरल पुरी ने कहा। साथ ही सेना की सेवा में सैनिक और अग्निवीर ऐसा भेद किया जाएगा, यह चिंता भी लेफ्टनंट जनरल पुरी ने खारीज़ की। सियाचीन और अन्य दुर्गम क्षेत्रों में सेना के सैनिकों के साथ तैनात अग्निवीरों को समान भत्ता दिया जाएगा, यह अहम जानकारी लेफ्टनंट जनरल पुरी ने प्रदान की। 

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