सुदान में आक्रामक प्रदर्शनकारियों ने लष्करी मुख्यालय के बाहर डेरा जमाया – प्रदर्शनों के विरोधी कार्रवाई में ५ लोगों की मौत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरखार्तुम – अफ्रीका के पूर्वीय क्षेत्र में ईंधन से भर देश के तौर पर जाने जा रहे सुदान में पिछले चार महीनों से ज्यादा समय से शुरू प्रदर्शन अब अधिक आक्रामक हुए है| शनिवार के दिन राजधानी खार्तुम में प्रदर्शनकारी सीधे लष्करी मुख्यालय पर जा पहुंचे और उन्होंने पीछे ना हटने की चेतावनी दी है| सुदान के राष्ट्राध्यक्ष ओमर बशिर इनका निवासस्थान लष्करी मुख्यालय के इलाके में होने से शनिवार के दिन प्रदर्शनकारियोंने उठाया कदम ध्यान आकर्षित कर रहा है|

सुदान के राष्ट्राध्यक्ष ओमर बशिर १९९३ से सेना के समर्थन पर सत्तापर बने है और उन्होंने सेना की सहायता से देश पर अपनी पकड बनाकर रखने में सफलता प्राप्त की है| ‘साउथ सुदान’ का निर्माण और ईंधन के किमतों में हुई गिरावट की पृष्ठभूमि पर सुदान की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से मुश्किलों का सामना कर रही है| अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण बनाने में बशिर ने की कोशिश असफल हुई है और जनता में बना असंतोष लगातार बढता दिखाई दे रहा है| दिसंबर महीने से यह असंतोष व्यापक प्रदर्शनों में बदल गया है और इसपर नियंत्रण स्थापित करने के लिए बशिर इन्होंने आपात्काल का ऐलान किया था|

लेकिन, आपात्काल घोषित करने के बाद डेढ महीना हुआ है फिर भी सुदान की जनता में बना असंतोष अभी भी कम नही हुआ है| बल्कि, राजधानी के साथ अन्य हिस्सों में भी हो रहे प्रदर्शन और भी तीव्र हो रहे है| इस दौरान इन प्रदर्शनों को प्राप्त हो रहा समर्थन भी बढने लगा है| शनिवार के दिन राजधानी खार्तुम में प्रदर्शनकारी सुरक्षा यंत्रणाओं की परवाह किए बिना सीधे लष्करी मुख्यालय तक जा टकराए है| ६ अप्रैल यह सुदान में वर्ष १९८५ में हुए बगावत का स्मृतिदिन होने से इसी दिन हुए प्रदर्शनों को खास महत्व है|

वर्ष १९८५ में सुदान की सेना ने उस समय के राष्ट्राध्यक्ष की हुकूमत पलट दी थी| इस अवसर पर लष्करी मुख्यालय से टकराकर सुदान की जनता ने १९८५ की घटना दोहराई जाए, यह मांग की और इस दिशा में बढने के लिए नारे भी लगाए| इसी बीच सुरक्षा यंत्रणाओं ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का इस्तेमाल करके लाठी चार्ज भी किया| इस कार्रवाई के दौरान पांच प्रदर्शनकारियों की मौत होने की बात कही जा रही है|

फिलहाल इन प्रदर्शनों से बडा खून खराबा हुआ नही है, फिर भी पहले के समय में सुदान में बनी अराजकता की शुरूआत ऐसे ही प्रदर्शनों से हुई थी, इस ओर नजरअंदाजी करना मुमकिन नही होगा| खास तौर पर इन प्रदर्शनों के पीछे सौदी अरब और संयुक्त अरब अमिरात इन देशों का हाथ होने की बात भी स्पष्ट हुई थी| वर्तमान स्थिति में भी यह संभावना ठुकराई नही जा सकती और आनेवाले समय में सुदान का सफल नई अराजकता एवं खून खराबे की दिशा में शुरू होने के स्पष्ट संकेत राजधानी खार्तुम में शुरू यह प्रदर्शन दे रहे है|

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