लैटिन अमरीका में चीन और रशिया का बढ़ता प्रभाव अमरीका के लिए खतरा – अमरिकी सदर्न कमांड प्रमुख की चेतावनी

वॉशिंग्टन – पूरे विश्व का ध्यान यूक्रेन युद्ध और ताइवान के करीब निर्माण हुए तनाव पर केंद्रीत है। लेकिन, अमरीका से महज २० यार्ड दूरी के दक्षिणी अर्धवृत्त में लैटिन अमरिकी देशों में बढ़ता हुआ चीन और रशिया का प्रभाव अमरीका के लिए खतरा साबित होने लगा है, ऐसी चेतावनी अमरिकी सदर्न कमांड प्रमुख जनरल लॉरा रिचर्डसन ने दी। सुरक्षा की पृष्ठभूमि पर इस क्षेत्र से अमरीका के काफी हित जुड़े हुए हैं और इसकी सुरक्षा के लिए अमरीका को अपनी भूमिका बढ़ानी होगी, ऐसा आवाहन भी जनरल रिचर्डसन ने किया है।

अमरीका ने अब तक यूरोपिय देशों जितनी अहमियत लैटिन अमरिकी देशों के संबंधों को नहीं दी है, इस मुद्दे पर अमरीका के अध्ययन मंडल ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। लैटिन अमरीका में स्थित अमरीका के मित्रदेशों ने इस पर खुली नाराज़गी जताई थी। कुछ साल पहले मेक्सिको ने अमरीका के साथ व्यापारी सहयोग से पीछे हटने की चेतावनी भी दी थी। लेकिन, अमरीका के सदर्न कमांड के प्रमुख जनरल लॉरा रिचर्डसन ने इस क्षेत्र पर खुलेआम हुई अनदेखी के गंभीर परिणाम सामने आएंगे, ऐसी चेतावनी दी है।

लैटिन अमरीका के २० देशों में चीन ने ‘बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएटिव’ के तहत वहां बडे पैमाने पर निधि दी है। इस प्रकल्प के तहत चीन लैटिन एवं मध्य अमरिकी देशों में राजमार्ग, रेल और बंदरगाहों का बड़ा नेटवर्क बना रहा है और जासूसी के लिए कुप्रसिद्ध चीनी कंपनियां इन देशों में ‘५ जी नेटवर्क’ उपलब्ध करा रही हैं। चीन की हुकूमत इसका सैन्य कारणों के लिए भी इस्तेमाल कर सकती हैं, इस खतरे की ओर जनरल रिचर्डसन ने ध्यान आकर्षित किया। कुछ लैटिन अमरिकी देश चीन के ‘डेट ट्रैप’ अर्थात कर्ज के जाल में फंस रहे हैं, यह दावा अमरीका के सदर्न कमांड प्रमुख ने किया।

इसी बीच, लैटिन अमरीका के क्युबा, वेनेजुएला और निकारागुआ जैसे देशों की वामपंथी विचारधारा की हुकूमतें रशिया के गुट में शामिल हैं। यह देश अब भी रशिया से खरीदे गए हथियार इस्तेमाल कर रहे हैं। इन देशों से रशिया का प्रभाव घटाने के लिए सदर्न कमांड की कोशिश जारी है। लैटिन अमरीका के सारे देश रशियन हथियार यूक्रेन भेजें, ऐसा आवाहन अमरीका ने इन देशों से किया है। लेकिन, इसके लिए अमरीका ने लैटिन अमरीका के चीन-रशिया के प्रभाव में वाले देशों में अपना निवेश बढ़ाने की जरुरत है, इस मुद्दे पर जनरल रिचर्डसन ने ध्यान दिलाया है।

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