यूरोप के बाद अमरीका में भी ईंधन वायु की किल्लत होने का ड़र – वृत्तसंस्था का दावा

वॉशिंग्टन – रशियन ईंधन वायु के आयात पर पाबंदी लगानेवाले यूरोप को हम पर्याप्त मात्रा में ईंधन नहीं देंगे, ऐसा आश्वासन अमरीका ने दिया था। लेकिन, अमरिकी कंपनियाँ यूरोप की बढ़ती ईंधन की माँग पूरी करने में असफल हो रही हैं, ऐसी रपट हाल ही में सामने आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर यूरोप को ईंधन वायु की आपूर्ति कर रही अमरीका में ही अब गैस की किल्लत महसूस हो सकती है, ऐसा दावा प्रमुख वृत्तसंस्था ने किया। ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ ईंधन पाइपलाइन से हुए रिसाव की वजह से यूरोप में ईंधन की कीमतों में नया उछाल होने का वृत्त सामने आ रहा है इसी बीच यह दावा सामने आना ध्यान आकर्षित कर रहा है।

कुछ ही दिन पहले ब्रिटेन के प्रमुख अखबार ‘द फाइनान्शियल टाईम्स’ ने अमरीका के ईंधन उत्पादकों ने यूरोप की ज़रूरतें पूरी करने में असमर्थता दर्शाने का वृत्त जारी किया था। इसके बाद अब ‘रॉयटर्स’ वृत्तसंस्था ने अमरीका की कंपनियाँ अमरीका की बढ़ती माँग पूरी करने में असमर्थ होने की रपट सार्वजनिक की है। अमरीका में मौजूद ईंधन वायु का भंड़ार (वर्किंग इन्वेंटरिज्‌‍ इन अंडरग्राऊंड स्टोरेज’ २७७१ अरब घनफुट तक कम हुआ है। यह सन २०१० के बाद दूसरा निचला स्तर साबित हुआ है। कोरोना से पहले अमरीका में मौजूद औसतन भंड़ारों के मद्देनज़र यह भंड़ार ४०० अरब घनफीट कम है।

अमरीका के कुछ हिस्सों में सूखे की स्थिति निर्माण होने से जल बिजली उत्पादन सीमित हुआ है और कोयला इस्तेमाल लगभग बंद हुआ है। इस वजह से बिजली निर्माण के लिए ईंधन वायु का इस्तेमाल बहुत बढ़ा है। अमरीका की बिजली उत्पादक कंपनियों ने इस साल के पहले पांच महीनों में ही ४,३७२ अरब घनफीट ईंधन वायु का इस्तेमाल किया है। ठंड़ के मौसम में यह माँग अधिक बढ़ने की संभावना है। जाडों में औसतन माँग डेढ़ से तीन हज़ार अरब घनफीट होने के बावजूद, चक्रवात और अन्य आपत्तियों को ध्यान में रखें तो यह माँग काफी बढ़ सकती है।

दूसरी ओर यूरोप और एशियाई देशों से माँग बढ़ने के कारण अमरिकी कंपनियाँ निर्यात पर अधिक जोर दे रही हैं। लेकिन, अमरीका में कुल ईंधन वायु उत्पादन इस साल सिर्फ चार प्रतिशत अधिक हुआ है। यह बात पर गौर करें तो जाडों में अमरिकी जनता को उम्मीद से बिजली का सामना करना पड़ सकता है, ऐसा ड़र वृत्तसंस्था ने व्यक्त किया है।

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