अफ़्रीकी शरणार्थी इस्रायल छोड़ दें अथवा जेल में जाएं इस्रायल का शरणार्थियों को कठोर इशारा

तेल अविव: १ अप्रैल तक देश छोड़कर जाएं अथवा जेल में जाने के लिए तैयार हो जाएं, ऐसा कठोर इशारा इस्रायल ने अफ़्रीकी शरणार्थियों को दिया है। इस्रायल में करीब ४० हजार अफ्रीकन शरणार्थी होने का अंदाजा है और इन शरणार्थियों को इस्रायल के बाहर खदेड़ने का फैसला एक साल पहले ही इस्रायली सरकार ने लिया था। इस्रायल में आए शरणार्थी घुसपैठी होने का दावा इस्रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने किया है।

पिछले वर्ष इस्रायली सरकार ने देश में रह रहे अफ्रीकन शरणार्थियों को खदेड़ने के बारे में प्रस्ताव बनाया था। इस प्रस्ताव में तीन पड़ावों का समावेश है। उस में शरणार्थियों को सीमा पर ही रोकना, आर्थिक सहायता देकर बाहर जाने को कहना और खदेड़ना इनका समावेश है। इस में से पहले दो पड़ावों का इस्तेमाल करके करीब २० हजार शरणार्थियों को बाहर खदेड़ने का दावा सरकार ने किया था। उसी समय इस पड़ाव के अनुसार इस्रायल न छोड़ने वाले शरणार्थियों को घुसपैठी साबित करके उनको खदेड़ा जाएगा, ऐसा प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने इशारा दिया था।

इस्रायली प्रधानमंत्री के इस इशारे की पृष्ठभूमि पर ‘पॉप्युलेशन इमिग्रेशन एंड बोर्ड अथोरिटी’ इस यंत्रणा ने अफ्रीकन शरणार्थियों को नोटिस भेजी हैं। इस नोटिस में १ अप्रैल २०१८, तक इस्रायल छोड़ने का आवाहन किया गया है। शरणार्थियों को उनकी मातृभूमि अथवा अन्य सुरक्षित देशों में भेजने का इंतजाम इस्रायल सरकार ने किया है, ऐसा इस में स्पष्ट किया गया है। उसके अनुसार, देश छोड़ने वाले शरणार्थियों को विमान यात्रा का टिकट, सफ़र के क़ानूनी दस्तावेज और लगभग ५०० डॉलर्स दिए जाने वाले हैं।

अफ्रीकन शरणार्थियों ने इन नियमों का पालन नहीं किया तो उनको गिरफ्तार कर के अनिश्चित काल के लिए जेल में डाला जाएगा, ऐसा कठोर इशारा नोटिस में दिया गया है। उसी समय कम पैसे देकर खदेड़ने का विकल्प भी सरकार के सामने है, ऐसा भी कहा गया है। इस्रायल ने अफ़्रिका के रवांडा और युगांडा इन देशों के साथ शरणार्थियों को खदेड़ने के बारे में गोपनीय अनुबंध किया है, ऐसा कहा जा रहा है। उस के अनुसार, इन देशों में भेजे जाने वाले शरणार्थियों को सदर देश घर और काम करने का लाइसेंस भी देने वाला है।

इस्रायली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने शरणार्थियों के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका ली है और सरकार के लिए इस्रायली नागरिकों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, ऐसा खुलासा किया है। इस्रायली सुरक्षा यंत्रणाओं ने दी हुई जानकारी के अनुसार, एल अविव शहर में अफ्रीकन शरणार्थियों की संख्या बहुत ज्यादा है और कुछ हिस्सों में लगभग ४० प्रतिशत तक अपराध इन शरणार्थियों ने किए हैं, यह बात सामने आई है। इस्रायल के कुछ धार्मिक और स्वयंसेवी गुट साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंगठन, अमरिका ने इस्रायली सरकार को खदेड़ रोकने का अनुरोध किया है।

इस्रायल सरकार की तरफ से खदेड़े जाने वाले शरणार्थी पिछले दशक में इजिप्त के रास्ते अवैध तरीके से इस्रायल में दाखिल हुए हैं। शुरुआत में इस्रायल ने उनको आसरा दिया है, लेकिन नेत्यान्याहू सरकार ने आक्रामक भूमिका ली है। पिछले १० सालों में इस्रायल में लगभग ७० हजार अफ्रीकन शरणार्थी दाखिल हुए थे। बहुतांश शरणार्थी सुदान और इरिट्रिया इन दो देशों से आए हैं, ऐसा कहा जाता है।

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