मालदीव मे राजनैतिक संकट सुलझाने के लिए भारत लष्करी हस्तक्षेप करे

माले: मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष अब्दुल्ला यामीन ने घोषित किए आपातकाल गैरकानूनी होकर, देश के राजनीतिक संकट पर समाधान निकालने के लिए भारत लष्करी हस्तक्षेप करें, ऐसी मांग मालदीव के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने की है। मालदीव में सोमवार को १५ दिन के आपातकाल घोषित की गई है और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के साथ दो न्यायाधीशों को गिरफ्तार किया गया है। मालदीव सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय अपनी सत्ता उठाने का प्रयत्न में है, ऐसा गंभीर आरोप किया है।

कुछ दिनों पहले मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्राध्यक्ष अब्दुल्ला यामीन को राजनीतिक कैदियों के कारावास से रिहा करने के आदेश दिया था। पर यामीन ने इस आदेश को कार्यान्वित करने से इनकार किया था। राष्ट्राध्यक्ष से सर्वोच्च न्यायालय को आदेश इंकार करने की घटना की वजह से मालदीव में विरोधी पक्ष को राष्ट्राध्यक्ष है यामीन के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव लाने का अवसर मिला है। इस प्रश्न पर दबाव डालने के लिए विरोधी पक्ष ने प्रदर्शन शुरू किए थे।

पर राष्ट्राध्यक्ष यामीन ने सर्वोच्च न्यायालय का आदेश यह बगावत करके सरकार उठाने का षड्यंत्र होने का आरोप किया था। यह षड्यंत्र उधेड़ने के लिए मालदीव सरकार ने सोमवार को आपातकाल की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद कुछ ही घंटों में सर्वोच्च न्यायालय के सरन्यायाधीश अब्दुल्लाह सईद एवं न्यायाधीश अली हमीद को लष्कर ने कब्जे में लिया है। उस के बाद देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति मोमून अब्दुल गयूम को भी गिरफ्तार किया गया है। इस की वजह से देश के राजनीतिक संकट अधिक गहरे होते दिखाई दे रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर यामीन इन से पहले देश के सूत्र संभालने वाले भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष नशीद ने मालदीप को संकट से बाहर निकालने के लिए भारत एवं अमरिका से हस्तक्षेप करें, ऐसी मांग की है। भारत में लष्करी पथक भेजकर मालदीव में न्यायाधीश एवं राजनीतिक कैदियों की रिहाई करें। हमें भारत के लष्कर की तैनाती की आवश्यकता है, इन शब्दों में नशीद ने हस्तक्षेप की मांग की है। भारत के साथ अमरिका भी मालदीव पर प्रतिबंध जारी करें, ऐसा आवाहन नशिद ने किया है। भारत ने मालदीव में आपातकाल पर चिंता व्यक्त की है।

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