अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक तथा सहायकों को भारत आश्रय देने की तैयारी में

नई दिल्ली – तालिबान अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करेगा, यह निश्चित होने के बाद इस देश में कोहराम मचा है। विभिन्न देश अपने दूतावास बंद करके अपने अधिकारी कर्मचारियों को स्वदेश बुला रहे हैं। उसी समय, अमरीका जैसे देश को आज तक सहायता प्रदान करनेवाले अफगानी, अब अमरीका उन्हें आश्रय दें, इसके लिए जानतोड़ कोशिश कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में भारत ने भी अफगानिस्तान स्थित अपने समर्थकों को आश्रय देने की तैयारी की है। अधिकृत स्तर पर हालाँकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी सूत्रों के हवाले से ये खबरें माध्यमों में दीं जा रहीं हैं।

आश्रय देने की तैयारीकुछ दिन पहले अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक होनेवाले सिख समुदाय पर हमले हुए थे। तालिबान इस देश पर अपना वर्चस्व स्थापित करते समय, हिंदू और सिख समुदाय अधिक ही असुरक्षित बना है। उसकी गंभीर दखल भारत ने ली है। भारत के विदेश मंत्रालय ने ऐसा कहा था कि अफगानिस्तान की इन धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन उन्हें भारत में आश्रय देने की घोषणा विदेश मंत्रालय ने नहीं की है। इसी बीच, पंजाबी संगठनों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को देश में आश्रय देने की माँग की है।

इस पृष्ठभूमि पर, भारत अफगानिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखे हैं, ऐसा दिख रहा है। धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ ही, अफ़ग़ानिस्तान स्थित भारतीयों की सुरक्षा के लिए योगदान देनेवाले अपने समर्थकों को भी सुरक्षित आश्रय देने पर भारत विचार कर रहा है, ऐसी खबरें आईं हैं। अमरीका जैसा देश उसे सहायता प्रदान करनेवाले हज़ारों लोगों को तालिबान के चंगुल से छुड़ाने के लिए उत्सुक नहीं है। इस पृष्ठभूमि पर, भारत इस संदर्भ में कर रहा फ़ैसला महत्वपूर्ण साबित होता है।

इसी बीच, अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को तालिबान से ख़तरा नहीं है, ऐसा दावा तालिबान के प्रवक्ता ने किया। साथ ही, अफगानिस्तान स्थित भारत के दूतावास को भी तालिबान से ख़तरा नहीं है, ऐसा इस प्रवक्ता ने कहा है।

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