छाबर बंदरगाह की वजह से अब अफगानिस्तान को पाकिस्तान की जरुरत नहीं- अफगानिस्तान के सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला

भारत और अफ़ग़ानिस्तान में व्यापार के लिए बाधा करने के लिए बिच की दीवार बनने का निर्णय पाकिस्तान ने लिया था, पर अब ईरान के छाबर बंदरगाह की वजह से भारत और अफ़ग़ानिस्तान के साथ व्यापार शुरु हुआ है। ऐसा कहकर भारत के विदेश राज्यमंत्री एम.जे.अकबर ने समाधान व्यक्त किया है। तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबाद में आयोजित किए ‘रीजनल इकॉनोमिक कोऑपरेशन कौन्फेरेंस ऑन अफ़ग़ानिस्तान’ में अकबर बोल रहे थे। तथा वॉशिंगटन में एक कार्यक्रम में बोलते हुए अफ़ग़ानिस्तान के ‘सीईओ’ अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने छाबर की वजह से अफ़ग़ानिस्तान को पाकिस्तान पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं ऐसा कहा है।

भारत एवं अफ़ग़ानिस्तान में व्यापार के लिए पाकिस्तान अपना मार्ग खुला करे, ऐसी मांग भारत ने लगातार की थी। पर पाकिस्तान ने यह मांग ठुकराई थी एवं इस व्यापार में दीवार बने रहने की ठानी थी। इस से बहुत बड़ा झटका आम अफगानी जनता को लग रहा था, ऐसा खेद एम.जे.अकबर ने व्यक्त किया था। पर भारत ने अफ़ग़ानिस्तान के साथ व्यापार के लिए ईरान की छाबर बंदरगाह विकसित किया और इसके द्वारा दोनों देशों में व्यापारी परिवहन शुरू हुआ है। पहली बार भारत से गेहूं लेकर जहाज छाबर बंदरगाह तक पहुंचा था, इसकी जानकारी देकर अकबर ने समाधान व्यक्त किया है। इस नए परिवहन मार्ग की शुरुआत का मतलब एक नए पर्व की शुरुआत है। इसकी वजह से केवल भारत एवं अफ़ग़ानिस्तान में व्यापार शुरू नहीं होगा, बल्कि पश्चिम आशियाई देश भारत से व्यापारी रुप से जुड़ेंगे ऐसा अकबरने आगे कहा है।

तथा भारत एवं अफ़ग़ानिस्तान में हवाई मार्ग से व्यापार शुरू हुआ है, इस पर भी अकबर ने ध्यान केंद्रित किया है। सन २००१ से अब तक भारत ने अफ़ग़ानिस्तान में लगभग तीन अब्ज डॉलर्स का निवेश करने की बात कहकर भारत अफ़ग़ानिस्तान के विकास के लिए वचनबद्ध होने की गवाही उस समय विदेश मंत्री विदेश राज्यमंत्री अकबर ने दी है। दौरान अमरिका के वॉशिंगटन में ‘सेंटर फॉर स्ट्रेटेजी एंड इंडस्ट्रीज’ इस अभ्यास गट के सामने व्याख्यान देते हुए अफ़ग़ानिस्तान के सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने छाबर बंदरगाह के विकास की वजह से हुए महत्वपूर्ण बदलाव की जानकारी दी है। अब तक अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर पूर्ण रुप से निर्भर था, पर छाबर बंदरगाह विकसित होने के बाद अफ़ग़ानिस्तान को पाकिस्तान पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं, ऐसा अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा है।

अफ़ग़ानिस्तान में हिंसाचार करने वाले तालिबान जैसे आतंकवादी संगठन का तल पाकिस्तान में होकर पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए तालिबान का उपयोग कर रहा है। पर पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर निर्भर होने की वजह से अफ़ग़ानिस्तान की सरकार आज तक पाकिस्तान के विरोध में एक मर्यादा के बाहर जाकर भूमिका नहीं ले सका था। आनेवाले समय में अफ़ग़ानिस्तान पर यह बंधन नहीं होगा, ऐसा अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने दूसरे शब्दों में कहा है।

इस दौरान पाकिस्तान में आयोजित एक परिषद में बोलते हुए पाकिस्तान लष्कर के वरिष्ठ अधिकारी जनरल जुबैर महमूद हयात ने भारत चिंगारियों से खेल रहा है, ऐसा इशारा दिया है। भारत ने पाकिस्तान के साथ नियंत्रित युद्ध की तैयारी की है और ‘चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ परियोजना रोकने के लिए विशेष प्रावधान किया है। तथा भारतीय गुप्तचर यंत्रणा रॉ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में विद्रोहियों से हाथ मिलाकर तथा तहरीक-ए-तालिबान को सहायता करके पाकिस्तान में अस्थिरता फैला रहा है, ऐसा आरोप जनरल हयात ने किया है। इस प्रकार के आरोप पाकिस्तान से इससे पहले भी हुए थे पर अब उसकी तीव्रता बढ़ने की बात दिखाई दे रही है। पाकिस्तान की इस अस्वस्थता के पीछे भारत ने विकसित किए छाबर बंदरगाह होने की बात स्पष्ट हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.