पोलंड युरोप मे दाएँ विचारधारा का केंद्र बनेगा ‘इंडिपेंडेंस मार्च’ के बाद विश्लेषकों की चिंता

वारसा: पोलंड के स्वतंत्रता को ९९ वर्ष पूर्ण होने के निमित्त पिछले हफ्ते में राजधानी वारसा में भव्य मोर्चा आयोजित किया गया था। पोलंड में राष्ट्रवादी एवं कड़वे दाएँ विचारधारा के गटो ने आयोजित के इस कार्यक्रम में ६० हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। यूरोप में दाएँ गट के सदस्यों में लक्षणीय समभाग और रिफ्यूजी आउट एवं व्हाईट यूरोप जैसे बोर्ड इस मोर्चा में ध्यान केंद्रित कर रहे थे। उसी समय आक्रामक शरणार्थियों का वंशसंहार करो, ऐसी भड़काऊ घोषणा भी इस मोर्चा मे सुनाई जा रही थी। पोलंड सरकार ने इस मोर्चा का समर्थन करने की वजह से आने वाले समय में पोलंड यूरोप में कड़वी विचारधारा का केंद्र बनेगा, ऐसा डर विश्लेषक एवं प्रसार माध्यमोने व्यक्त किया है।

पोलंड में कड़वे विचारधारा के गट के तौर पर पहचाने जाने वाला ‘नेशनल मेडिकल कैंप’, ऑल पोलिश यूथ एवं नेशनल मूवमेंट इन गटो ने रैली का आयोजन किया था। पोलंड के स्वतंत्रता दिन के निमित्त राजधानी वारसा में होने वाली रैली की शुरुआत सन २०१० में ओएनआर एवं ऑल पोलिश यूथ इनसे की गई थी। शुरुआती समय में कम अनुक्रिया प्राप्त होने के बाद पिछले २ वर्षों में उसकी व्याप्ती बड़ी तादाद में बढ़ने की बात सामने आयी है।

‘इंडिपेंडेंस मार्च’ के तौर पर पहचाने जानेवाले इस रैली में इस वर्ष ६० हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। पोलंड में दाएँ विचारधारा एवं राष्ट्रवादी गट के सदस्यों के व्यतिरिक्त विविध यूरोपीय देशों में दाएँ विचारधारा की गटो का सहभाग इस वर्ष के रैली की विशेषता मानी गई। पोलंड की व्यतिरिक्त ब्रिटेन, जर्मनी, स्वीडन, स्पेन, हंगेरी, इटली एवं स्लोवाकिया इन देशों के गट इस रैली में शामिल हुए थे। इस रैली के लिए अमरिका के बाएँ विचारधारा के आक्रामक नेता रिचर्ड स्पेंसर इनको भी निमंत्रण दिया गया था। पर पोलंड सरकार के विरोध की वजह से स्पेंसर इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।

बढ़ता समभाग, रैली में छलकाए गए बोर्ड और सत्ताधारी सल्तनत से हुआ समर्थन इसकी वजह से वारसा में इंडिपेंडेंस मार्च अंतरराष्ट्रीय प्रसार माध्यमों का ध्यान केंद्रित करने वाला माना गया। ‘वाइट यूरोप ऑफ ब्रदरली नेशंस’, ‘क्लीन ब्लड’, ‘यूरोप विल बी व्हाईट और ‘अनइनहैबिटेड’, ‘प्युअर पोलंड , व्हाईट पोलंड ’, ‘रिफ्यूज गेट आउट’ आक्रामक शरणार्थियों का वंशसंहार करो ऐसी मांग करने वाले बोर्ड समूचे रैली में छलकाए गए। इंडिपेंडेंस मार्च में शामिल हुए लोगों से ‘वुई वांट गॉड’ यह घोषणा चौका देने वाली मानी गई।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्पने जुलाई में अपने पोलंड दौरे में उसका उल्लेख किया था। १९७९ में साम्यवादी राजवट का भाग होने वाले पोलंड को ख्रिस्ती धर्मीयों के तत्कालीन सर्वोच्च धर्मगुरु ‘जॉन पॉल २’ ने भेंट दी थी। उस समय उनका स्वागत करने वाले पोलिश जनताने ‘वुई वांट गॉड’ ऐसी घोषणा की थी। शनिवार के इस रैली में शामिल हुए गट से इस घोषणा का पुनरुद्धार आश्चर्यजनक माना जा रहा है। कुछ विश्लेषकोंने यह घोषणा मतलब पोलंड से ट्रम्प इनके नीतियों का समर्थन करने का प्रयत्न होने का दावा किया जा रहा है।

पोलंड की राजधानी में हुए ‘इंडिपेंडेंस मार्च’ का सरकार से हुआ समर्थन ध्यान केंद्रित करने वाला माना गया। देश के सरकारी वृत्त माध्यम की टीव्हीपी ने प्रस्तुत मार्च यह देश भक्ति की रैली होने की बात कही है। पोलंड के अंतर्गत रक्षामंत्रियों ने हजारों पोलिश नागरिक स्वतंत्रता दिन मनाने के लिए साथ मिलकर यह मार्च करना एक सुंदर दृश्य है, इन शब्दों में इंडिपेंडेंस मार्च की प्रशंसा की है। पोलंड के सत्ताधारी पक्ष के प्रमुख नेता जारोस्लाव कैझिन्सकी ने इस रैली में हुए अप्रिय घटनाओं को दर्ज किया है। फिर भी यह बहुत ही छोटी समस्या होकर पोलंड के हितशत्रुओं ने चेतावनी देने का प्रयत्न किया होगा, ऐसा आरोप किया है।

इसी दौरान इस्राइल सरकार के प्रमुख ज्यू गटोने भी पोलंड में इंडिपेंडेंस मार्च में हुए घटना पर चिंता व्यक्त की है।

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