अमरीका ने अगर निधि रोक रखी, तो अफगानी शरणार्थियों के झुंड दुनियाभर में घुसपैठ करेंगे – तालिबान के विदेश मंत्री की चेतावनी

us-funds-afghan-migrants-1काबुल – ‘इससे आगे भी अगर ऐसी ही परिस्थिति कायम रही, तो अफगानी जनता की समस्याएँ बढ़ेंगी और उससे इस क्षेत्र समेत पूरी दुनिया भर में अफगानी शरणार्थियों के झुंड घुसपैठ करेंगे। यह डालना हो तो अमेरिका अफगानिस्तान की निधि खुली करें’, ऐसी चेतावनी तालिबान का विदेश मंत्री अमीर खान मोत्ताकी ने दी। तालिबान ने काबुल पर कब्जा करने के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान की तकरीबन नौं अरब डॉलर्स की निधि फ्रीज़ की है। अफगानिस्तान के संदर्भ में चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संगठन की सुरक्षा परिषद की बैठक जल्द ही संपन्न होगी। उससे पहले मोत्ताकी से यह धमकी आई है।

us-funds-afghan-migrants-2अफगानिस्तान की अग्रसर न्यूज़ एजेंसी ने दी जानकारी के अनुसार, तालिबान की हुकूमत का अस्थाई विदेश मंत्री मोत्ताकी ने अमेरिकी कॉंग्रेस को पत्र लिखा है। इसमें मोत्ताकी ने अमेरिका को दोहा समझौते की याद दिला दी। ‘तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकार स्थापन करते ही अमरीका ने अफगानिस्तान की सारी निधि रोक दी, यह बड़ी हैरानी की बात है। अमरीका की यह कार्रवाई हमारी उम्मीदें और दोहा समझौते के विरोध में जानेवाली है’, ऐसा दोषारोपण मोत्ताकी ने किया।

us-funds-afghan-migrants-3‘अफगानी जनता की आर्थिक सुरक्षा यह हमारे सामने की मूलभूत चुनौती होकर, अमरीका ने फ्रीज़ की निधि यह इसका मूल कारण है। अमरीका और अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने निधि फ्रीज़ करने से अफगानिस्तान की जनता की मसले हल नहीं होंगे और अमरीका की मांगे भी पूरी नहीं होंगी। इस कारण अमरीका अफगानिस्तान की निधि खुली करें’, ऐसा मोत्ताकी ने पत्र के जरिए धमकाया।

लेकिन अगर इसके बाद भी अमरीका ने अफगानिस्तान की निधि खुली नहीं की, तो अफगानी शरणार्थियों के झुंड पड़ोसी देशों समेत सारी दुनिया भर में घुसपैंठ करेंगे, ऐसी धमकी तालिबान के विदेश मंत्री ने दी। इससे पहले भी तालिबान ने इन्हीं शब्दों में अमरीका और अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को धमकाया था। लेकिन हमारी माँगे मान्य किए बगैर अफगानिस्तान की अर्थसहायता शुरू नहीं करेंगे, ऐसी भूमिका अमरीका तथा युरोपीय महासंघ ने अपनाई है।

इसी बीच, तालिबान ने कब्जा करने के बाद अफगानी शरणार्थी लाखों की संख्या में पड़ोसी देशों में आश्रय ले रहे हैं। अगस्त महीने से कम से कम ३ लाख अफगानी ईरान में दाखिल हुए। इससे पहले ही ३० लाख अफगानी शरणार्थियों ने ईरान में आश्रय लिया है। पाकिस्तान, उझबेकिस्तान, ताजिकिस्तान इन देशों में भी अफगानी शरणार्थी बड़ी संख्या में दाखिल हुए हैं। इसके अलावा मध्य एशियाई और खाड़ी क्षेत्र के देशों के जरिए अमरीका और युरोप में घुसपैंठ करनेवाले अफगानियों की संख्या भी बढ़ रही होने का दावा किया जाता है।
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