अग्रसर आईटी कंपनियों के खिलाफ़ दुनिया के प्रमुख देशों द्वारा कार्रवाई की गतिविधियाँ

लंडन/ब्रुसेल्स/कॅनबेरा – आर्थिक ताकत के ज़ोर पर मार्केट में एकाधिकारशाही लाने की कोशिश करनेवालीं आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के विरोध में कार्रवाई करने के लिए दुनिया के प्रमुख देशों ने ज़ोरदार गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। पिछले कुछ दिनों में युरोपिय महासंघ, ब्रिटन तथा ऑस्ट्रेलिया ने इस मामले में बड़े फ़ैसलें किये होने की जानकारी सामने आयी है। ‘ऑनलाईन प्लॅटफॉर्म्स’ अधिक पारदर्शिता रखें, इसके लिए युरोपिय महासंघ ने मार्गदर्शक तत्त्व जारी किये हैं। ब्रिटन ने आईटी क्षेत्र की कंपनियों के लिए ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ जारी किया होकर, उसका उल्लंघन करनेवालीं कंपनियों पर आर्थिक जुर्माना थोंपने की चेतावनी दी है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की संसद में, गुगल तथा फेसबुक जैसीं कंपनियों को ‘न्यूज कंटेट’ के लिए, संबंधित कंपनियों को भुगतान करना पड़ेगा, ऐसा प्रावधान होनेवाला विधेयक प्रस्तुत किया गया है।

IT-Companiesपिछले कुछ सालों में, आईटी क्षेत्र की बड़ीं कंपनियों के खिलाफ़ आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नाराज़गी की भावना बढ़ रही होने की बात सामने आयी है। इस क्षेत्र की ‘ऍपल’, ‘ऍमेझॉन’, ‘गुगल’, ‘फेसबुक’ एवं ‘मायक्रोसॉफ्ट’ ये कंपनियाँ ‘बिग फाईव्ह’ के रूप में जानीं जातीं हैं। जागतिक स्तर पर इन कंपनियों का मूल्य पूरे सात ट्रिलियन (सात लाख करोड़) डॉलर्स इतना प्रचंड है। इस आर्थिक ताक़त के ज़ोर पर इन कंपनियों ने मार्केट में एकाधिकारशाही स्थापित की होकर, अन्य कंपनियों को दबाया जाता है, ऐसे आरोप किये जाते हैं। दुनिया के प्रमुख देशों ने इन आरोपों की दखल लेने की शुरुआत की होकर, अमरीका समेत ब्रिटन, ऑस्ट्रेलिया तथा युरोपिय महासंघ ने तेज़ी से गतिविधियाँ शुरू कीं हैं।

पिछले साल जुलाई महीने में अमरीका के न्यायविभाग ने ‘अँटीट्रस्ट रिव्ह्यू’ नाम से बड़ी कंपनियों की जाँच शुरू की थी। इससे पहले अमरीका की संसद द्वारा भी इन कंपनियों की जाँच की गयी थी। उसकी रिपोर्ट अक्तूबर महीने में प्रस्तुत किया होकर, उसमें इन कंपनियों की एकाधिकारशाही पर ऊँगली रखी गयी है। इस एकाधिकारशाही को रोकने के लिए इन कंपनियों पर अँकुसी लगाने की सिफ़ारिश रिपोर्ट में होने की जानकारी सूत्रों ने दी है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने आईटी क्षेत्र की कंपनियों को सुरक्षा देनेवाला क़ानून रद करने की आग्रही माँग भी की है। यह माँग यदि मंज़ूर नहीं हुई, तो संसद में प्रस्तुत होनेवाले ‘डिफेन्स बिल’ के विरोध में नकाराधिकार (वेटो) का इस्तेमाल करने की धमकी ट्रम्प ने दी है।

IT-Companiesब्रिटन ने आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों द्वारा होनेवालीं बड़ी कंपनियों द्वारा मार्केट में की जानेवालीं गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए स्वतंत्र यंत्रणा स्थापन करने का ऐलान किया है। ‘डिजिटल मार्केट्स युनिट’ नामक इस यंत्रणा के साथ ही, कंपनियों के लिए स्वतंत्र नियमावली घोषित की गई है। बड़ी कंपनियाँ मार्केट में होनेवाले उनके स्थान का इस्तेमाल करके प्रतिस्पर्धा के नियम ना तोड़ें, इसपर बारिक़ी से नज़र रखी जा रही है। नियम तोड़नेवालीं कंपनियों को उनके जागतिक रेवेन्यू के १० प्रतिशत इतनी रकम का भुगतान जुर्माने के तौर पर करना पड़ेगा, ऐसी सिफ़ारिश एक प्रस्ताव में की गई है।

IT-Companiesयुरोपिय महासंघ ने ‘ऑनलाईन प्लॅटफॉर्म्स’ के लिए नये मार्गदर्शक तत्त्व जारी किये हैं। इंटरनेट पर सक्रिय होनेवालीं अग्रसर कंपनियाँ जानकारी देते समय अधिक पारदर्शिता रखें इसके लिए यह कदम उठाया गया है, ऐसा महासंघ ने कहा है। बड़ी कंपनियों का अतिरिक्त वर्चस्व ख़त्म करने के लिए अहम प्रावधानों का भी उसमें समावेश है। उसी समय, इंटरनेट पर जारी होनेवाली ग़ैरक़ानूनी जानकारी को रोकने के लिए ये मार्गदर्शक तत्त्व उपयुक्त साबित होंगे, ऐसा दावा महासंघ द्वारा किया गया है।

इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया की संसद में नया विधेयक प्रस्तुत किया गया है। गुगल और फेसबुक जैसीं कंपनियाँ, उनके द्वारा प्रकाशित होनेवाले ‘न्यूज कंटेन्ट’ के लिए, संबंधित कंपनियों को मुआवज़ा दें, ऐसा प्रावधान इस विधेयक में है। यदि गुगल और फेसबुक, संबंधित कंपनियों के साथ समझौत करने में असफल रहीं, तो सरकार ने नियुक्त की यंत्रणा हस्तक्षेप करेगी, ऐसे स्पष्ट संकेत विधेयक में दिये गए हैं। स्वतंत्र प्रसारमाध्यम तथा पत्रकारिता की सुरक्षितता के लिए यह कदम उठाया जा रहा होने का दावा ऑस्ट्रेलियन नेताओं ने किया। ‘न्यूज कंटेन्ट’ प्रकाशित करनेवालीं कंपनियाँ संबंधित कंपनियों को मुआवज़ा दें इसका प्रावधान होनेवाला यह दुनिया का पहला ही विधेयक होने की जानकारी ऑस्ट्रेलिया के वित्तमंत्री जोश फ्रायडनबर्ग ने दी।

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