ब्रिटन और ऑस्ट्रेलिया ‘साऊथ चायना सी’ में हस्तक्षेप न करे – चीन के विदेशमंत्री की चेतावनी

बीजिंग : ‘साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में अभी कही स्थिरता प्रस्थापित हो रही हैं। इसी समय दूसरें क्षेत्र के देश इस समुद्री क्षेत्र में संकट निर्माण करने के लिए हर मुमकिन प्रयत्न कर रहे हैं। ये देश साउथ चायना सी में हस्तक्षेप न करे ऐसी चेतावनी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ‘लू कँग’ने दी हैं। पिछले सप्ताह ब्रिटन एवं ऑस्ट्रेलिया ने समुद्री परिवहन का मुद्दा उपस्थित करते हुए साउथ चायना सी पर चीन के स्वघोषित वर्चस्व का विरोध किया था। इसी पृष्ठभूमि पर चीन ने इन दो देशों को चेतावनी देने की खबर है।

‘साऊथ चायना सी’पिछले सप्ताह में ब्रिटन के विदेशमंत्री बोरिस जॉनसन ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा करते समय ऑस्ट्रेलियन विदेशमंत्री जूली बिशप से मुलाकात की थीं। इस भेट के दौरान ब्रिटन ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियोंने चीन, साऊथ चायना सी तथा उत्तर कोरिया के मुद्दोंपर चर्चा की थी। उत्तर कोरिया के परमाणु एवं मिसाइलों के कार्यक्रम को रोखने के लिए चीन अधिक प्रयास करें, ऐसी माँग भी इन दो देशों के विदेश मंत्रियो ने की थीं। इसीके साथ साउथ चायना सी पर अधिकार बताने वाले चीन ने समुद्री परिवहन स्वतंत्रता का आदर करना चाहिए, ऐसी अपील की थीं।

इस मुलाकात में ही विदेश मंत्री जॉनसन ने ब्रिटन साऊथ चायना सी की हद्द में ‘एचएमएस क्वीन एलिसाबेथ’ तथा ‘एचएमएस प्रिंस ऑफ़ वेल्स’ नामक दो एयरक्राफ्ट वाहक युद्धनौका रवाना कर देगा ऐसी घोषणा की थी। ‘समुद्री परिवहन स्वतंत्रता पर उनका विश्वास है, यह साबित करने के लिए ब्रिटन ने जागतिक व्यापार के लिए महत्त्वपूर्ण ‘साउथ चायना सी’ इस क्षेत्र में एयरक्राफ्ट वाहक युद्धनौका रवाना किए जायेंगे’, ऐसी घोषणा ब्रिटन के विदेश मंत्री ने की। ब्रिटन के रक्षा मंत्री सर मायकल फँलोन ने भी साउथ चायना सी में तनाव तथा आव्हान बढ़ रहे हैं इसीलिए ब्रिटन की युद्धनौका त्वरित ही इस समुद्री क्षेत्र से जा मिलेगी यह जानकारी दी थी।

‘साऊथ चायना सी’ब्रिटन के इसी भूमिका पर चीन के विदेश मंत्रालय ने यह विवेचन किया हैं। ‘दुसरें देशों के व्यवस्थापन में दखलंदाजी करने के लिए कुछ देश कोई भी कारण देते हैं। इस प्रकार चालाकी करके दुसरें देशों के अंतर्गत व्यवस्थापन में घुसपैठी करके अराजकता तथा संकट निर्माण करते हैं। इसी पृष्ठभूमि पर इस क्षेत्र के सभी देशों को सावधानी बरतनी होगी’, ऐसी टिपण्णी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ‘लू कँग’ ने की। इसीके साथ चीन पर विवेचन करनेवाले ब्रिटन ने आत्मनिरीक्षण करना चाहिए, ऐसा दावा कँग इन्होने किया था। १९ की सदी में ब्रिटिश साम्राज्य ने चीन का अपमान किया था, ऐसी टिपण्णी इसबार कँग ने की।

इससे पहले चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने ब्रिटन और ऑस्ट्रेलिया की कड़े शब्दों में निंदा की थीं। अमरिका तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र के मित्रदेशोने ब्रिटन को चीन के ख़िलाफ़ उकसाया हैं। इसी कारणवश ब्रिटन चीन के विरुध में ऐसी भूमिका ले रहा हैं। विदेश मंत्री जॉनसन से मुलाकात में ऑस्ट्रेलिया ने अधिक आक्रामक तरीके से ब्रिटेन को चीन के विरोध में उकसाया हैं, ऐसी खबर चीन के मुखपत्र ने दी है। ‘साउथ चायना सी’ के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया ने चीन के विरोध में आक्रामक भूमिका स्वीकार कर ली है। परंतु ऑस्ट्रेलिया सरकार चीन के विरोध में कितना भी चिखेचिल्लाये फिर भी चीन के सामर्थ्य को कम आंकने की चुक नहीं की, ऐसी तीक्ष्ण टिका ग्लोबल टाइम्स ने कि थीं।

दौरान पिछले पुरे सप्ताह में ऑस्ट्रेलिया ने चीन के विरोध में कठोर भूमिका स्वीकार कर ली है। दस साल पहले ऑस्ट्रेलिया के समुद्री सीमा में अमरिका के साथ शुरू किये गए नौदल अभ्यास के समय चीन पर जासूसी करने का आरोप ऑस्ट्रेलिया ने किया था। ऑस्ट्रेलिया के इन्ही आरोपों पर चीन ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ऑस्ट्रेलिया अब ऐसी कारवाई की आदत डाल ले, ऐसा संकेत चीन ने दिया था।

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