‘अजहर’ पर हुई कार्रवाई भारत की जीत ही है – भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को फटकारा

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने ‘मसूद अजहर’ को अंतरराष्ट्रीय दहशतगर्द घोषित किया है| लेकिन, यह निर्णय भारत की राजनयिक जीत नही है, यह दावा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने किया है| लेकिन, अजहर संबंधी हुए निर्णय से झटका लगने पर पाकिस्तान इससे अलग प्रतिक्रिया दर्ज कर ही नही सकता| लेकिन, अजहर पर हुई कार्रवाई यह भारत की जीत ही है, यह कहकर भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान ने शुरू किए नकारात्मक प्रचार की हवाल निकाल ली है| इतना ही नही, बल्कि ‘पुलवामा’ में हुए आतंकी हमले के बाद ‘अजहर’ को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया तेज हुई थी, यह भी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है|

सुरक्षा परिषद की ‘१२६७ समिती’ ने ‘जैश ए मोहम्मद’ का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय दहशतगर्द घोषित किया| इसका काफी बडा झटका पाकिस्तान को लगा है| इस निर्णय के बाद पाकिस्तान ने अजहर के विरोध में कार्रवाई करने की तैयारी दिखाई है और ‘अजहर’ को नजरबंद किया है| अजहर संबधी सुरक्षा परिषद ने किया यह निर्णय यानी भारत की राजनयिक जीत होने की बात समझी जा रही है| लेकिन, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने यह भारत की जीत नी है, यह दावा किया| सुरक्षा परिषद ने ‘अजहर’ का संबंध पुलवामा हमले से जोडा नही है| साथ ही कश्मीर में शुरू संघर्ष पर त्री सुरक्षा परिषद ने टिपणी नही की है, यह फैसल ने कहा है| इन दोनों वजहों से अजहर संबंधी निर्णय का झटका पाकिस्तान को नही लगा है, यह फैसल का कहना है|

सुरक्षा परिषद के निर्णय का झटका लगने से पाकिस्तान इससे अलग कुछ बोल नही सकता, यह कहकर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार इन्होंने पाकिस्तान को फटकार लगाई है| पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद ‘अजहर’ पर कार्रवाई करने के लिए जरूरी गति में बढोतरी हुई थी, ऐसा रवीश कुमार ने कहा है| इसके पहले अजहर के विरोध में पेश किए पुख्ता सबुतों की वजह से उसपर यह कार्रवाई हो सकी, यह दावा रवीश कुमार इन्होंने किया है| अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करवाना ही भारत का उद्देश्य था और भारत ने यह उद्देश्य प्राप्त किया है, यह कहकर रवीश कुमार इन्होंने इस निर्णय का काफी बडा असर पाकिस्तान को भुगतना होगा, यह संकेत दिए है|

भारत के विदेश मंत्रालय के साथ ही अमरिका के ट्रम्प प्रशासन ने भी पाकिस्तान को धमकाया है| ‘अजहर’ को अंतरराष्ट्रीय आतंकी करार करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान को आतंकवाद विरोध जंग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, ऐसा अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समिती के प्रवक्ता गॅरेट मार्किस इन्होंने कहा है| अमरिका पाकिस्तान की लोकनियुक्त सरकार का समर्थन करती है और यह सरकार आतंकवाद के विरोध में बोल रही है| लेकिन, सिर्फ शब्दों का प्रयोग करके विरोध करना बर्दाश्त नही होगा| अब पाकिस्तानी सेना को आंतकियों के विरोध में कडी कार्रवाई करनी ही होगी, ऐसा मार्किस ने धमकाया है| पुलवामा आतंकी हमलें में ‘अजहर’ का हाथ था, यह फटकार भी मार्किस ने पाकिस्तान को लगाई है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ‘अजहर’ को लेकर किए निर्णय का सभी पालन करे, यह सचूना की गई है| यह सूचना पाकिस्तान के लिए भी है और वर्तमान में अजहर पाकिस्तान में ही है| उसपर कार्रवाई करने की बात पाकिस्तान ने स्वीकार की हो, लेकिन नजरबंद करके पाकिस्तान ने फिर एक बार उसके विरोध में कार्रवाई करने का नाटक शुरू किया है, ऐसा प्रतित हो रहा है| लेकिन, इस बार पाकिस्तान को यह नाटक करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करना मुमकिन नही होगा, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे है| पाकिस्तान फिलहाल ‘एफटीएएफ’ यानी ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ की ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल है| आतंकीयों पर कारवाई करने में यदि पाकिस्तान नाकामयाब होने से ही पाकिस्तान पर यह कार्रवाई हुई है|

अगले समय में भी पाकिस्तान ने आतंकवाद के विरोध में नरमाई बरती तो पाकिस्तान का समावेश ‘एफटीएफए’ की ‘ब्लैक लिस्ट’ में किया जाएगा| उसके बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था से कर्ज प्राप्त करना मुमकिन नही होगा| साथ ही पाकिस्तान पर अन्य आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए जा सकेंगे| इस डर से पाकिस्तान की घबराहट हुई है| ‘अजहर’ संबंधी सुरक्षा परिषद ने किए निर्णय का ‘एफटीएफए’ के नीति पर भी असर हो सकता हैक्या, यह सवाल पाकिस्तान के पत्रकार, अर्थशास्त्रीयों के सामने रख रहे है| प्रधानमंत्री इम्रान खान इनकी सरकार को इसी मुद्दे ने चिंतित किया है| इसी लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का कर्जा प्राप्त होने की प्रतिक्षा पाकिस्तान बडी बेसबरी से कर रहा है| और इस वजह से अजहर संबंधी हुआ निर्णय पाकिस्तान के लिए काफी बडा झटका साबित होता है|

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