‘शेल’ कंपनियों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई – डेढ़ लाख से अधिक कंपनियों की पंजीकरण रद्द

नई दिल्ली: भ्रष्टाचार द्वारा पैसों का कारोबार करने वाली ‘शेल’ कंपनी के खिलाफ सरकार तेजी से कार्रवाई कर रही है और यह कार्रवाई आगे भी शुरू रहेगी, इस बात को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में स्पष्ट किया। इन कंपनियों की आड़ में व्यवहार करने वालों को ढूंढ निकालकर उन पर सिर्फ आयकर कानून के तहत ही नहीं बल्कि बेनामी कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी, ऐसा वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया है। उसी दौरान वित्त राज्यमंत्री अरुण राम मेघवाल ने १२ जुलाई तक एक लाख ६२ हजार ‘शेल’ कंपनियों का पंजीकरण रद्द की जाने जानकारी लोकसभा में दी है।

‘शेल’अभी अभी भारतीय शेयर बाजार की नियंत्रक संस्था ‘सेबी’ ने शेयर बाजार में ट्रेडिंग करनेवाली ३३१ ‘शेल’ कंपनियों की सूचि प्रकाशित की थी। इन कंपनियों से होने वाले व्यवहारों पर कुछ प्रतिबन्ध लगाए गए थे। इन कंपनियों में कुछ जानी मानी कंपनियों का समावेश है। इसके बाद शेयर बाजार में बड़ी उलट पलट दिखाई दे रही है। इस पृष्ठभूमि पर लोकसभा में पूछे गए सवालों को जवाब देते समय वित्त मंत्री अरुण जेटली जवाब दे रहे थे।

कंपनी कानून में ‘शेल’ कंपनियों की निश्चित ऐसी परिभाषा नहीं की गई है। लेकिन यह कंपनियां अवैध तरीके से पैसों का लेन-देन करती हैं, इस बात को जेटली ने स्पष्ट किया है। निष्क्रिय कंपनियां और शेल कंपनियों में फर्क है। कुछ निद्रिस्त अथवा निष्क्रिय कंपनियों का ग़लत इस्तेमाल शेल कंपनियों जैसा किया जा सकता है, ऐसा वित्त मंत्री ने कहा। नकली नाम से कारोबार करने वाली कंपनियों पर सरकार केवल कंपनी कानून, आयकर कानून के तहत ही नहीं, बेनामी कानून के तहत भी कार्रवाई करेगी, ऐसा जेटली ने स्पष्ट किया है। जालसाजी करने के लिए या गैरकानूनी कारोबार के लिए कंपनी स्थापन की गई है, यह साबित हुआ तो दफा २७१ के तहत दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है, ऐसी जानकारी वाट मंत्री ने दी है।

शेल कंपनियों को रोकने के लिए कंपनी कानून में सुधार करके उसे अधिक कडा किया जाने वाला है क्या? ऐसा सवाल लोकसभा में किया गया था। इस सवाल का जवाब देते समय वर्तमान में ऐसा प्रस्ताव सरकार की सोच में नहीं है, ऐसा जेटली ने कहा। ऐसी शेल कंपनिया निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वर्तमान कानून के प्रावधान पर्याप्त हैं, ऐसा जेटली ने कहा। साथ ही कंपनी कानून का गलत इस्तेमाल रोकते समय व्यापर कैसे आसान होगा, इस तरफ सरकार ध्यान दे रहा है, ऐसा जेटली ने कहा।

कंपनियों के पंजीकरण की व्यवस्था बायोमेट्रिक व्यवस्था से जोड़ने की सलाह इस दौरान कुछ संसद सदस्यों ने दी। यह सलाह अच्छी है और विचार किया जाएगा, ऐसा वित्त मंत्री ने कहा।

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