ईरान के साथ अब भी परमाणु समझौता करना मुमकिन

पैरिस/तेहरान – ‘वियना की बातचीत से परमाणु समझौता मुमकिन नहीं हुआ, यह वाक्य ही निराशाजनक है। लेकिन साल २०१५ का परमाणु समझौता आज भी फिर से जीवित करना मुमकिन होगा। लेकिन, जल्द से जल्द यह समझौता करना पडेगा’, ऐसा विश्वास फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने व्यक्त किया। ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी से बातचीत के दौरान फ्रान्स के राष्ट्राध्क्ष ने ईरान को परमाणु समझौते पर बातचीत के लिए फिर से आमंत्रित किया। इसी बीच, परमाणु समझौते की बातचीत फिर से शुरू नहीं होती, तब तक अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने ईरान के परमाणु प्रकल्पों में लगाए हुए सीसीटीवी कैमेरे बंद ही रहेंगे, यह ऐलान ईरान ने किया है।

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन और ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी के बीच लगभग दो घंटे फोन पर बातचीत हई। ईरान का परमाणु कार्यक्रम एवं ईरान में कैद फ्रेंच नागरिकों के मुद्दे पर राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन और रईसी में चर्चा हुई, ऐसा दावा किया जा रहा है। मार्च से परमाणु समझौते की रुकी हुई बातचीत पर मैक्रॉन ने चिंता जताई। तथा, साल २०१५ का परमाणु समझौता अब भी खत्म नहीं हुआ है, इसका अहसास फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने कराया।

ईरान ने साल २०१५ के परमाणु समझौते का फिर से हिस्सा बने और इसकी शर्तों का पालन करे, यह आवाहन मैक्रॉन ने किया। पिछले कई महीनों से बातचीत असफल हुई है, फिर भी परमाणु समझौता जारी रखना मुमकिन होने का दावा राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने किया। इसके लिए अधिक समय जाया करने की जरुरत नहीं है और ईरान जल्द से जल्द परमाणु समझौते को पूनर्जीवित करे, यह आवाहन फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने किया। लेकिन, इससे पहले ईरान परमाणु समझौते पर अपनी भूमिका स्पष्ट करे, यह बयान भी मैक्रॉन ने किया।

राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन के इस आवाहन पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने परमाणु समझौता फिरसे जीवित करने के लिए ईरान वचनबद्ध होने की बात स्पष्ट की। लेकिन इस परमाणु समझौते पर ईरान की माँगें पूरी हुईं और अन्य देशों ने इस समझौते को जारी रखने की गारंटी दी तो ही व्यवहार्य समझौता मुमकिन हो सकता है, ऐसा रईसी ने कहा। साथ ही अमरीका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के लिए ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने बायडेन प्रशासन की आलोचना की।

अमरीका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध ईरान के लिए नहीं, बल्कि यूरोप समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा साबित होंगे, ऐसी चेतावनी राष्ट्रध्यक्ष रईसी ने दी। अमरीका के प्रतिबंधों के बावजूद ईरान के आर्थिक गणित पर ज्यादा असर नहीं हुआ, ऐसा दावा रईसी ने किया। साथ ही इस परमाणु समझौते का भविष्य ईरान पर नहीं, बल्कि अमरीका पर निर्भर होने का इशारा भी रईसी ने दिया।

इसी बीच, साल २०१५ के परमाणु समझौते के बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने ईरान के परमाणु प्रकल्प में सीसीटीवी कैमेरे लगाए थे। ईरान के परमाणु प्रकल्पों की गतिविधियों पर नज़र रखने का काम इसके ज़रिये किया जा रहा था। लेकिन, चार महीने पहले ईरान ने सीसीटीवी कैमेरे हटाकर अंतरराष्ट्रीय समूदाय की आलोचना की थी। पर, अब ईरान ने फिर से यह कैमेरे शुरू करने की तैयारी दिखाई है। लेकिन, इससे पहले परमाणु समझौते की बातचीत शुरू करना आवश्यक है, ऐसा रईसी ने कहा।

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