इराक और सीरिया में तुर्की के हमलों में २२ की मौत

इराक और सीरियाअंकारा – रशिया और अमरीका की चेतावनी को अनदेखा करके तुर्की ने इराक और सीरिया में कुर्दों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी है। पिछले दो दिनों में पीकेके और वायपीजी के २२ आतंकियों को मार गिराने का दावा तुर्की ने किया। अमरीका और यूरोपिय देश तुर्की के हमले रोकने में नाकाम होने का आरोप लगाकर कुर्दों ने ‘आयएस’ विरोधी कार्रवाई रोक दी है। कुर्दों के इस निर्णय की वजह से इराक और सीरिया में आयएस विरोधी कार्रवाई पर बड़ा असर पडेगा और आयएस के आतंकी फिर से सिर उठाएंगे, यह ड़र जताया जा रहा है।

इराक और सीरियाइस्तंबुल में हुए कार बम के विस्फोट के लिए इराक और सीरिया में स्थित कुर्द संगठनों को ज़िम्मेदार करार देकर तुर्की ने सैन्य अभियान शुरू किया है। तुर्की के पीकेके और सीरिया के वायपीजी नामक कुर्द संगठनों को एर्दोगन ने आतंकी घोषित किया है। साथ ही उन पर की जा रही कार्रवाई को सही ठहराकर तुर्की ने जल्द ही सीरिया में सेना उतारने का भी ऐलान किया था। तुर्की की सेना बख्तरबंद गाड़ियों में सीरिया की सीमा के करीब पहुँची है और जल्द ही सीरिया में बड़ी कार्रवाई शुरू होगी, यह दावा किया जा रहा है। कुर्द संगठनों ने इस्तंबुल विस्फोट में अपना हाथ ना होने का ऐलान किया है। साथ ही एर्दोगन की सरकार इस विस्फोट की स्वतंत्र तहकीकात करे और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी इस जांच का हिस्सा बनाए, यह आवाहन कुर्द संगठनों ने किया था। अमरीका का बायडेन प्रशासन तुर्की के इन हमलों को रोकने की कोशिश करे, यह मांग भी कुर्दों ने की थी। लेकिन, पिछले हफ्ते बायडेन प्रशासन ने तुर्की की हरकत पर आलोचना करने के अलावा कुर्दों की मांग पर बयान नहीं किया है।

इसकी वजह से गुस्सा हुए कुर्द संगठनों ने पिछले छह सालों से सीरिया में ‘आयएस’ विरोधी कार्रवाई रोकने का ऐलान किया। आयएस विरोधी कार्रवाई में अहम योगदान दे रहे कुर्दों का यह निर्णय अमरीका और यूरोपिय देशों के लिए आनेवाले समय में बड़े संकट को न्यौता देनेवाला साबित होगा, यह इशारा पश्चिमी विश्लेषक दे रहे हैं। तुर्की के सीरिया में दिशाहीन हमले कुर्दों के नियंत्रण वाले आयएस के आतंकियों को कैद किए गए जेलों पर हुए तो आतंकी फरार हो जाएंगे और खाड़ी देशों के साथ पश्चिमी देशों के लिए भी खतरा बढ़ेगा, यह चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं।

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