भारत ने अमरीका का, भारत-पाकिस्तान मसले में मध्यस्थता करने का प्रस्ताव ठुकराया; पाकिस्तान की ओर से स्वागत

नयी दिल्ली/वॉशिंग्टन/इस्लामाबाद, दि. ५ : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव कम करने के लिए अमरीका मध्यस्थता करेगी, ऐसे संकेत अमरीका की संयुक्त राष्ट्र स्थित राजदूत निकी हॅले ने दिए थे| यह प्रस्ताव भारत ने ठुकराया होकर, भारत की भारत-पाकिस्तान चर्चा के बारे में होनेवाली भूमिका क़ायम है, ऐसा कहा है| वहीं, पाकिस्तान ने हॅले के प्रस्ताव का स्वागत किया है| अमरीका के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने, हॅले द्वारा दिये गये प्रस्ताव से विसंगत विधान किया है ऐसा दिखाई दे रहा है| ‘भारत और पाकिस्तान के बीच ठेंठ चर्चा होनी चाहिए’ ऐसी अमरीका की भूमिका है ऐसा अमरिकी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा|

भारत-पाकिस्तानभारत-पाकिस्तान के बीच की चर्चा में किसी का भी हस्तक्षेप नहीं चलेगा, ऐसी भारत की भूमिका है| ‘इस भूमिका पर भारत दृढ़ है और इसमें बदलाव नहीं हो सकता’ ऐसा दावा विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता गोपाळ बागले ने किया| ‘जब तक पाकिस्तान आतंकवाद की निर्यात नहीं रोकता, तब तक पाकिस्तान के साथ चर्चा नहीं हो सकती’ ऐसा भारत ने घोषित किया था| उसकी भी याद बागले ने दिलायी| तभी पाकिस्तान के अमरीका स्थित राजदूत एझाज चौधरी ने अमरीका के मध्यस्थी के प्रस्ताव का स्वागत किया है| दक्षिण एशिया की स्थिरता और सुरक्षा के लिए यदि अमरीका भूमिका निभाता है, तो पाकिस्तान उसका स्वागत करेगा, ऐसा एझाज चौधरी ने स्पष्ट किया|

अमरीका की मध्यस्थता दक्षिण एशिया के लिए हित की साबित होगी, ऐसा विश्‍वास चौधरी ने जताया| पाकिस्तान पिछले कुछ सालों से कश्मीर मसला आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उ़ठाने की कोशिश कर रहा है| कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान की समस्या का मूल कारण है और यह मसला हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र अथवा अमरीका ने हस्तक्षेप करना चाहिए,  ऐसी माँग पाकिस्तान की ओर से लगातार की जा रही है| लेकिन भारत ने, ‘यह द्विपक्षीय मसला है और इसमें किसी की भी दखलअंदाज़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी’ ऐसा बारबार कहा है। इस पृष्ठभूमि पर, निकी हॅले ने, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए अमरीका मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए तैयार है’ ऐसा कहते हुए पाकिस्तान का हौसला बढ़ाया है|

इसी दौरान, अमरीका के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी चर्चा होनी चाहिए’ ऐसी उम्मीद ज़ाहिर करते हुए, ‘अमरीका के हस्तक्षेप के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं’ ऐसे संकेत दिए है| इस बयान का, हॅले ने किए बयान के साथ मेल न बैठने के कारण, अमरीका की विदेश नीति में विसंगति है, ऐसा सामने आ रहा है|

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