‘जी-२०’ में बायडेन-जिनपिंग के बीच चर्चा महज़ एक ढ़ोंग – अमरिकी सांसद की आलोचना

वॉशिंग्टन – कोरोना की महामारी के मुद्दे पर चीन से सवाल करने के बजाय अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन चीन के जिनपिंग का लेक्चर सुनते रहे। यह चर्चा यानी महज़ ढ़ोंग था, ऐसी कड़ी आलोचना अमरिकी सांसदों ने की है। सोमवार को इस चर्चा के बाद बायडेन ने ताइवान को हमले का खतरा ना होने का दावा किया था। इसी बीच चीन के सरकारी माध्यमों ने कहा था कि, राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने ताइवान ‘रेड लाईन’ होने की चेतावनी बायडेन को दी। इसकी वजह से बायडेन की कमज़ोरी फिर से सामने आयी है और इस पर अमरीका में बड़ी आलोचना हो रही है।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने सोमवार को इंडोनेशिया में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की। ‘जी २० समिट’ की पृष्ठभूमि पर हुई इस बैठक में दोनों राष्ट्राध्यक्ष एवं उनके उच्च स्तरीय शिष्टमंड़ल के बीच लंबी तीन घंटे से अधिक चर्चा हुई, ऐसी जानकारी माध्यमों ने प्रदान की है। अमरिका और चीन दोनों को एक-दूसरे के बीच की स्पर्धा उचित तरह से संभालकर संवाद के मार्ग खुले रखने होंगे, ऐसी भूमिका बायडेन द्वारा रखे जाने की जानकारी वाईट हाऊस ने साझा की।

बायडेन ने अपनी चर्चा में ताइवान, झिंजियांग, तिब्बत, रशिया-यूक्रेन युद्ध जैसे मुद्दे उठाए, फिर भी कोरोना के मुद्दे पर बोलने से वे दूर रहे। अमरीका की विभिन्न यंत्रणा चीन के बढ़ते खतरे को लेकर लगातार चेतावनी दे रही है। पिछले महीने ही अमरीका के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने यह इशारा दिया था कि, सन २०२३ में चीन ताइवान पर हमला कर सकता है। लेकिन, बायडेन ने इस संभावना को खारिज करके चीन खिलाफ नए शीत युद्ध की ज़रूरत ना होने की बात स्पष्ट की। इस पर अमरीका के सियासी दायरे में नाराज़गी है और रिपब्लिकन नेताओं ने इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की कड़ी आलोचना की है।

‘जिनपिंग के साथ हुई चर्चा से राष्ट्राध्यक्ष ने क्या पाया, यही समझ में नहीं आता। बल्कि, बायडेन कम्युनिस्ट पार्टी की नीति के विषय में चीनी राष्ट्राध्यक्ष का लेक्चर सुनने बैठे। ताइवान के मुद्दे पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने पेंटगॉन के इशारे के विपरीत भूमिका अपनाई। साथ ही चीन से फैली कोरोना की महामारी में अमरिकी नागरिकों की मौत का मुद्दा भी नहीं उठाया। अगले संक्रमण को रकना है तो चीन को कोरोना के लिए ज़िम्मेदार ठहराना पडेगा’, इन शब्दों में सांसद मायकल वॉल्टझ्‌‍ ने बायडेन की आलोचना की।

कोरोना का ज़िक्र भी किए बिना बायडेन और जिनपिंग में चर्चा हुई होगी तो यह बैठक महज़ ढ़ोंग था, ऐसा ही कहना पडेगा, ऐसी आलोचना रिपब्लिकन सदस्या लिसा मैक्क्लेन ने की। ‘यह बैठक बायडेन की कमज़ोर विदेश नीति का चरम स्तर है। अब सब बर्दाश्त स बाहर हो गया है। अमरीका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना सामर्थ्य दिखाने का यही अवसर है’, यह इशारा भी मैक्क्लेन ने दिया है।

चीन को खतरा कहने से ब्रिटिश प्रधानमंत्री का इन्कार

बाली – ब्रिटेन के लिए चीन ‘सिस्टमैटिक थ्रेट’ मानने से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषी सुनक ने इन्कार किया। ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिझ ट्रुस ने इस मुद्दे पर रखे प्रस्ताव पर सुनक ने सौम्य भूमिका अपनाई। ‘चीन खतरा है, यह भूमिका ब्रिटेन के भागीदार देशों ने अपनाई नीति से मेल खाती है। लेकिन, मौसम के बदलाव के अलावा अन्य कई चुनौतियों का हल निकालने के लिए चीन की ज़रूरत है। ‘जी २०’ की पृष्ठभूमि पर हम चीन के राष्ट्राध्यक्ष से बात करने की कोशिश करेंगे’, ऐसा प्रधानमंत्री सुनाक ने कहा। सुनक के इस बयान पर ब्रिटेन की शासक पार्टी के नेताओं ने तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है।

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