इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता के लिए अमरीका की भारत को सहायता – पेंटॅगॉन के अधिकारियों का दावा

वॉशिंग्टन – इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करने के लिए भारत काफी बड़ा योगदान दे सकते हैं। इसके लिए भारत के साथ भागीदारी विकसित करके अमरीका भारत से हर तरह का सहयोग कर रही हैं, यह दावा अमरिकी वरिष्ठ अधिकारी ने किया। अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन के इस वरिष्ठ अधिकारी ने अपने देश से भारत को प्रदान हो रही सहायता की जानकारी सार्वजनिक नहीं की। लेकिन, अंतरिक्ष, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स और सायबर जैसें आधुनिक समय के युद्ध के मौर्चे पर भारत और अमरीका ध्यान आकर्षित करनेवाला सहयोग कर रहे हैं, यह दावा इस अधिकारी ने किया।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र‘पीटीआई’ से इस अधिकारी ने साझ्ाा की हुई जानकारी के अनुसार भारत और अमरिकी रक्षाबलों का सहयोग और समन्वय बढ़ रहा हैं और दोनोंदेशों के बढ़ रहें युद्धाभ्यास इसका दाखिला देते हैं, ऐसा इस अधिकारी ने कहा। अमरीका भारत के साथ सहयोग बढ़ा रही हैं, इसके पीछे निर्धारित भूमिका हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करनेवाले देश के तौर पर अमरीका भारत को देखती हैं। इसी कारण से भारत अपने रक्षाबलों की क्षमता बढ़ाने के लिए एवं रक्षा मोर्चे पर आत्मनिर्भर होने के लिए कर रहें प्रयासों को अमरीका का समर्थन हैं, यह दावा इस अधिकारी ने किया। लेकिन, अमरीका से भारत को प्रदान हो रहीं सहायता का ब्यौरा इस अधिकारी ने सार्वजनिक नहीं किया।

भारत और अमरिकी सेना का अधिक संवाद और समन्वय विकसित होने के लिए योजना के तहत प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ भविष्य में युद्ध के मोर्चे और तकनीक के तौर पर उभर रहें अंतरिक्ष, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स और सायबर क्षेत्र में भी भारत और अमरीका सहयोग बढ़ा रहे हैं। यह बात उत्साह बढ़ानेवाली हैं यह कहकर इसपर इस अधकारी ने संतोष व्यक्त किया। नैसर्गिक आपदा के समय में भारत और अमरीका की सेना ने किए बड़े सहयोग का ज़िक्र भी इस अधिकारी ने किया। साथ ही भारत और अमरीका का ‘क्वाड’ में हो रहा सहयोग सबसे अहम साबित होता हैं, यह भी इस अधिकारी ने कहा हैं।

क्वाड के माध्यम से भारत और अमरीका अन्य एशियाई देशों को एवं बहुपक्षीय संगठनों से अधिक सहयोग कर सकेंगे, इसपर विचार होने की जानकारी पेंटॅगॉन के इस अधिकारी ने साझा की। इसी बीच पेंटॅगॉन और अमरिकी नौसेना के इंडो-पैसिफिक कमांड के अधिकारी लगातार भारत के सहयोग को खास अहमियत दे रहे हैं। अमरीका के विदेश मंत्रालय और व्हाईट हाऊस भी भारत के संबंधों की सबसे ज्यादा अहमियत होने के दावे कर रहे हैं। लेकिन,मौजूदा समय में अमरीका भारत के सहयोग स्थापित करने के दावे करने के साथ ही पाकिस्तानी वायु सेना के लिए पैकेज प्रदान कर रही हैं, यह भी स्पष्ट हुआ था। इस वजह से बायडेन प्रधासन के हाथ में अमरीका की बागड़ोर होते हुए अमरीका कर रहें ऐसें दावों की ओर भारत बड़ी सावधानी से देखता दिखाई दे रहा हैं।

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