जर्मन नौसेना ने किया ‘लेझर वेपन सिस्टिम’ का सफल परीक्षण – ड्रोन नष्ट करने का दावा

बर्लिन – जर्मनी की नौसेना ने विध्वंसक से हवाई लक्ष्य को नष्ट करने वाले ‘लेझर वेपन सिस्टिम’ का सफल परीक्षण करने की जानकारी साझा की। बाल्टिक समुद्री क्षेत्र में किए गए इस परीक्षण के लिए ‘हाय एनर्जी लेझर वेपन’ का इस्तेमाल करने की बात जर्मनी ने कही। ‘ऱ्हाईनमेटल’ और ‘एमबीडीए सिस्टिम्स’ कंपनी ने संयुक्त प्रयासों से इस लेझर वेपन्स सिस्टिम का निर्माण किया है। लेझर वेपन सिस्टम का युद्धपोत से सफल परीक्षण करने वाला जर्मनी छठा देश बना हैं। इससे पहले अमरीका, रशिया, चीन, इस्रायल और ब्रिटेन ने ऐसा सफल परीक्षण किया है, यह समझा जाता है।

जर्मनी पिछले दशक से ही लेझर वेपन सिस्टम बनाने की जोरदार कोशिश कर रहा था। साल २०१९ में जर्मनी की ‘ऱ्हाईनमेटल’ कंपनी ने १०० किलोवाट क्षमता के प्रगत लेझर वेपन सिस्टम का परीक्षण किया था। इस बार लेझर वेपन के लक्ष्य के तौर पर ड्रोन और मॉर्टर्स का इस्तेमाल किया गया। विभिन्न दूरी से किए यह परीक्षण सफल होने का बयान जर्मन कंपनी ने किया था। अपने लेझर सिस्टिम का थलसेना समेत नौसेना और वायु सेना के लिए भी स्वतंत्र संस्करण विकसित किया जा रहा है, ऐसा कंपनी ने कहा था।

नए परीक्षण के साथ ही नौसेना के लिए लेझर वेपन सिस्टिम का निर्माण करने की कोशिश सफल होती दिखाई दे रही है। जर्मन नौसेना के ‘सैशेन क्लास फ्रिगेट’ से नए लेझर वेपन सिस्टिम का परीक्षण करने की जानकारी साझा की गई। यह परीक्षण पुख्ता कब किया गया, इसकी जानकारी साझा नहीं की गई हैं। लेकिन, कुछ माध्यमों ने यह परीक्षण अगस्त महीने में होने का दावा किया हैं।

रशिया-यूक्रेन युद्ध में ड्रोन्स का इस्तेमाल काफी बढ़ा हैं। पिछले कुछ दिनों में रशिया ने ईरानी एवं अन्य ड्रोन्स की सहायता से यूक्रेन पर बड़े हमले किए हैं। इस पृष्ठभूमि पर यूक्रेन ने पश्‍चिमी देशों से एण्टीड्रोन सिस्टिम प्रदान करने की माँग रखी हैं। अमरीका और अन्य मित्र देशों ने इसके लिए तैयारी दिखाई है, फिर भी जर्मनी जैसे कुछ देशों ने इसपर ज्यादा सकारात्मक रिस्पांस नहीं किया है। उल्टा यूक्रेन को हथियारों की सहायता करने के कारण जर्मनी समेत अन्य देशों की रक्षा क्षमता कम होने के दावे किए जा रहे हैं।

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