रशिया को पश्‍चिमी देशों में अपनी राजनीतिक मौजूदगी की इच्छा नहीं है – विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह का दावा

मास्को – ‘रशियन नागरिक पश्‍चिमी देशों में काफी खराब परिस्थिति में काम कर रहे हैं। रशियन अधिकारी और नागरिकों को लगातार नई-नई मुश्‍किलों में डाला जाता है। रशियन नारिकों को लगातार हमलों की धमकियाँ दी जा रही हैं। इसके मद्देनज़र पश्‍चिमी देशों में रशिया की राजनीतिक मौजूदगी का कोई मतलब नहीं रहा और रशियन हुकूमत की वैसी इच्छा भी नहीं है’, इन शब्दों में रशियन विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने पश्‍चिमी देशों के साथ राजनीतिक संबंध तोड़ने के संकेत दिए।

राजनीतिक मौजूदगीरशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका, यूरोप और मित्रदेशों ने रशिया के विरोध में काफी प्रतिबंध लगाए हैं। यूरोप के कुछ देशों ने रशियन नागरिक, संस्कृति एवं उद्योगों को भी लक्ष्य करना शुरू किया हैं। कुछ देशों ने रशियन नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाने का भी निर्णय किया हैं। दूसरी ओर रशिया ने भी जैसें को तैसा जवाब दिया हैं और विदेशी नागरिक एवं संस्थाओं के विरोध में आक्रामक कार्रवाई की हैं। इस वजह से रशिया और पश्‍चिमी देशों के ताल्लुकात हर दिन बिगड़ रहे हैं और इसे सुधारने की दोनों ओर की गतिविधियाँ बंद होने की बात कही जा रही है।

इस पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री लैव्हरोव्ह का बयान ध्यान आकर्षित करता है। रशिया ने पहले भी पश्‍चिमी देशों के साथ जारी संबंध तोड़ने की चेतावनी दी थी। लेकिन, उस समय रशिया को संबंधों में सुधार करने की इच्छा हैं और वैसीं कोशिश भी जारी होने की बात बार बार कही थी। लेकिन, यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर पश्‍चिमी देशों ने रशिया विरोधी अपनाई चरम भूमिका के बाद रशिया ने भी उसी तरह से जवाब देना तय किया दिख रहा है।

पिछले कुछ सालों में रशिया ने अमरीका की निर्भरता कम करने में कामयाबी पाई है और एशिया, अफ्रीका एवं लैटिन अमरिकी देशों की सहायता से नया विकल्प बनाना शुरू किया हैं। आर्थिक एवं व्यापारी स्तर पर रशिया को काफी हद तक सफलता भी मिली है और प्रौद्योगिकी एवं सैन्य क्षेत्र में रशिया पहले से ही आत्मनिर्भर जाना जाता है। कुछ दिन पहले पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद रशिया के र्इंधन और अन्य क्षेत्रों का व्यापार और इससे प्राप्त हो रहा उत्पन्न बढ़ता ही गया है। इसी के साथ रशिया पर प्रतिबंध लगा रहे देशों को ही खुफिया तरिके से रशियन र्इंधन और अन्य सामान की ज़रूरत होने की बात भी सामने आई थी।

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