रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की क्षमता साबित हुई – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

गांधीनगर – यह देश अब शांति के परिंदे उड़ानेवाला देश नहीं रहा और आज का भारत चिताओं को खुला छोड़ रहा है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की मानसिकता में आया आक्रामक बदलाव रेखांकित किया। गुजरात के गांधीनगर में आयोजित ‘डिफेन्स एक्स्पो २०२२’ में प्रधानमंत्री बोल रहे थे। देश के रक्षाबल अब देश में ही तैयार किए गए हथियार और रक्षा सामान खरीद रहे हैं, यह बात आत्मनिर्भर भारत की क्षमता साबित करती है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इस पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही भारत का रक्षा निर्यात आनेवाले दिनों में बडे पैमाने पर बढ़ेगा, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया। साथ ही प्रधानमंत्री के हाथों गुजरात के बनासकांठा के डीसा में हवाई अड्डे की नींव रखने का समरोह हुआ। पाकिस्तान की सीमा के करीब यह अड्डा देश की सुरक्षा में अहम योगदान देगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की क्षमता साबित हुई - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीगांधीनगर में आयोजित ‘डिफेन्स एक्स्पो २०२२’ में रक्षा क्षेत्र की घरेलु कंपनियों का समावेश ध्यान आकर्षित करता है। इसमें केवल भारतीय कंपनियॉं शामिल हुई हैं और इसमें मेड इन इंडिया उपकरणों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस तरह देश में आयोजित किया गया यह पहला ‘डिफेन्स एक्स्पो’ है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इस प्रदर्शनी की अहमियत स्पष्ट की। भारतीय रक्षाबल वर्तमान में देश में बना रक्षा सामान इस्तेमाल कर रहे हैं, यह आत्मनिर्भर भारत योजना को प्राप्त हुई बड़ी कामयाबी है। इससे आत्मनिर्भर भारत की क्षमता साबित हुई है, यह दावा प्रधानमंत्री ने किया।

वित्तीय वर्ष २०२१-२२ में देश ने १३ हज़ार करोड़ रुपयों का रक्षा सामान निर्यात किया। लेकिन, आनेवाले समय में यह निर्यात ४० हज़ार करोड़ रुपयों तक बढ़ाने का ध्येय सरकार ने रखा है, यह जानकारी प्रधानमंत्री ने साझा की। भारतीय रक्षाबलों ने अपनी क्षमता साबित की है। इससे भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी पर विश्‍व का भरोसा अधिक बढ़ा है। घरेलु निर्माण का ‘आईएनएस विक्रांत’ विमान वाहक युद्धपोत नौसेना में शामिल हुआ है। साथ ही कम वजन के लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘एलसीएच प्रचंड़’ भी सेना के काफिले में शामिल हुए हैं। भारत की रक्षा क्षमता की बढ़ोतरी इससे स्पष्ट होती है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

मौजूदा समय में भारत पश्चिमी सीमा से किए जा रहे दुस्साहस का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, यह कहकर प्रधानमंत्री ने स्पष्ट ज़िक्र किए बिना पाकिस्तान को चेतावनी दी। उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में वायुसेना के अड्डे की प्रधानमंत्री के हाथों नींव रखी गई। यह अड्डा देश की सुरक्षा में काफी बड़ा योगदान देनेवाला साबित होगा, ऐसा सूचक बयान भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया। परंपरागत सुरक्षा के साथ ही अंतरिक्ष क्षेत्र की सुरक्षा की अहमियत बढ़ी है और ‘मिशन डिफेन्स स्पेस’ को केंद्र सरकार विशेष प्रोत्साहन दे रही है, इस पर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत ६० से अधिक देशों से सहयोग कर रहा है। भारत जल्द ही दक्षिण एशियाई देशों के लिए स्वतंत्र उपग्रह स्थापित करेगा। दस एशियाई देशों को इससे लाभ होगा, यह जानकारी प्रधानमंत्री ने इस दौरान साझा की। साथ ही भारतीय उपग्रहों से प्राप्त हो रहे डाटा का इस्तेमाल यूरोपिय देश भी कर रहे हैं, यह कहकर प्रधानमंत्री ने यह देश के लिए सम्मान की बात है, ऐसा कहा।

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