रुपया-रियाल के कारोबार पर भारत-सौदी की चर्चा

नई दिल्ली – भारत का रुपया और सौदी अरब की मुद्रा ‘रियाल’ का कारोबार करने पर दोनों देशों की चर्चा हुई। इसके साथ ही सौदी में भारत की पेमेंट सिस्टिम ‘यूपीआई’ और ‘रूपी कार्ड’ का इस्तेमाल करने पर भी दोनों देशों के व्यापारमंत्री की चर्चा हुई, यह जानकारी भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने प्रदान की। भारत को ईंधन की आपूर्ति करनेवाले प्रमुख देश सौदी के साथ हो रहीं इस चर्चा को कामयाबी प्राप्त हुई, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति-गति बदल सकती हैं। इस वजह से भारत के व्यापारमंत्री पियुष गोयल की सौदी यात्रा की अहमियत प्रचंड़ मात्रा में बढ़ी हैं।

रुपया-रियालयूक्रेन का युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका ने रशिया पर लगाएँ प्रतिबंधों की वजह से भारत को रुपया-रुबल कारोबार करना पड़ा था। दोनों देशों के कारोबार से डॉलर हटने का भारत को काफी बड़ा लाभ प्राप्त हुआ। रशिया के बाद अन्य देश भी भारत के रुपया के ज़रिये कारोबार करने के लिए उत्सुक हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रुपया के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए रिज़र्व बैंक ने आवश्‍यक कदम भी उठाएँ हैं, ऐसी जानकारी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने हाल ही में दी थी। ऐसी स्थिति में इंडिया-सौदी अरब के व्यापारी चर्चा के लिए पियुष गोयल सौदी पहुँचे हैं। १८ सितंबर से शुरू उनका यह दो दिन का दौरा अमहयित रखता हैं।

सौदी अरब के साथ हुई चर्चा में दोनों देशों का व्यापार अधिक व्यापक और विस्तारित करने के साथ ही व्यापार में बननेवाले रोड़े दूर करने पर चर्चा हुई। भारत की औषधि निर्माण क्षेत्र को सौदी की स्वीकृति प्रदान करने के साथ अवसर देने के मुद्दे का भी इस चर्चा में समावेश था। लेकिन, रुपया और रियाल का कारोबार इस चर्चा का प्रमुख मुद्दा रहा। इसके साथ ही पियुष गोयल की सौदी के मंत्री अब्दुलाझिझ बिन सलमान अल सौद की भारतीय पेमेंट सिस्टिम ‘यूपीआई’ और ‘रूपे कार्ड’ का इस्तेमाल सौदी में शुरू करने पर भी बातचीत होने की जानकारी भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने साझा की। इसकेअलावा दोनों देशों के व्यापारी सहयोग के लिए काफी बड़ाअवसर होनेवाले ४१ क्षेत्रों का चयन विशेषज्ञों ने किया हैं। कृषि क्षेत्र, अन्न सुरक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, आयटी, उद्योग और बुनियादी सुविधा क्षेत्र का सहयोग व्यापक करने पर भी इस बैठक में सहमति हुई।

इसके साथ ही भारत के पश्‍चिमी तट पर तेल शुद्धीकरण प्रकल्प का निर्माण करने के लिए निर्धारित कार्यक्रम, एलएनजी के संबंधित सुविधा और भारत में पेट्रोलियम उत्पादनों के रणनीतिक भंड़ार निर्माण करने से संबंधित प्रकल्पों का समावेश हैं। वैश्‍विक स्तर पर अस्थिरता का माहौल होने के दौरान भारत की ईंधन सुरक्षा को इससे काफी बड़ा लाभ प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही दोनों देशों के उद्योग क्षेत्र के नामांकितों की हुई बैठक में भारत की सौदी में हो रहीं निर्यात एवं सौदी का भारत में निवेष बढ़ाने पर भी इस दौरान सोच-विचार हुआ।

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