नाटो सदस्य देश ‘माँटेनेग्रो’ पर जोरदार सायबर हमले – रशिया का हाथ होने का आरोप

माँटेनेग्रो – नाटो सदस्य देश माँटेनेग्रो पर बड़ा सायबर हमला होने की बात स्पष्ट हुई है। इस हमले की वजह से माँटेनेग्रो की सरकार से संबंधित अधिकांश यंत्रणा ठप हुई है और यह इस देश के इतिहास का सबसे बड़ा सायबर हमला होने का दावा सूत्र ने किया। इस हमले का मुकाबला करने के लिए अमरिकी जाँच यंत्रणा ‘एफबीआई’ का विशेष दल माँटेनेग्रो भेजे जाने की बात कही जा रही है। रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यूरोपिय देशों पर सायबर हमलों में बढ़ोतरी हुई है और इसके पीछे रशिया का हाथ होने की बात कही जा रही है। इससे पहले इटली और पुर्तुगाल में नाटो से संबंधित कम्प्युटर नेटवर्क को लक्ष्य किए जाने की बात सामने आयी थी।

पिछले महीने से माँटेनेग्रो पर सायबर हमले होने लगे हैं, यह जानकारी सरकार ने साझा की है। धीरे-धीरे सरकारी यंत्रणाओं पर हमले किए गए। लगातार तीन हफ्तों से जारी इन हमलों के कारण माँटेनेग्रो सरकार के हिस्से वाली अधिकांश इंटरनेट सुविधाएं बंद हुई हैं। ‘एफबीआई’ के दल समेत अन्य सायबर विशेषज्ञों ने सरकार को कॉम्प्युटर नेटवर्क्स के सभी ‘प्लग’ निकालकर बंद रखने के निदेश दिए हैं। माँटेनेग्रो के रक्षामंत्री रैस्को केन्जेविक ने इसकी पुष्टि की। सरकार और प्रशासन से संबंधित सभी कॉम्प्युटर सिस्टम्स बंद रखे गए हैं, ऐसा कोन्जेविक ने कहा।

प्रारंभिक जांच से इन हमलों के लिए रशिया में स्थित ‘क्युबा रैन्समवेयर’ नामक सायबर गिरोह ज़िम्मेदार होने की बात सामने आयी है। इस गिरोह ने इन हमलों के लिए विशेष वायरस तैयार करने की जानकारी भी सामने आयी है। रशियन गुट ने सायबर हमलों का ज़िम्मा उठाया है और इस हमले को ‘ज़ीरोडेट’ नाम दिया होने की बात कही। माँटेनेग्रो के अलावा मोल्दोवा, स्लोवेनिया, नॉर्थ मैसिडोनिया जैसे देशों पर भी सायबर हमले होने की बात स्पष्ट हुई है।

माँटेनेग्रो साल २०१७ में नाटो का हिस्सा बना और इसकी सदस्यता का रशिया ने जोरदार विरोध किया था। लेकिन, इसके बावजूद माँटेनेग्रो नाटो का सदस्य बना और इसकी वजह से रशिया ने इस देश को बार-बार चेतावनी दी थी। रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होन के बाद भी रशिया ने यूक्रेन को एवं रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों का समर्थन कर रहे देशों को लक्ष्य करने की चेतावनी दी थी। माँटेनेग्रो पर सायबर हमला इसी का हिस्सा दिखता है।

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