घुसपैठ के ज़रिये ताइवान की स्थिति में बदलाव करने की चीन की साज़िश – ताइवान के विदेशमंत्री का आरोप

ताइपे – ताइवान के करीब युद्धभ्यास और ताइवान की हवाई सीमा में अपने लड़ाकू विमानों की घुसपैठ के ज़रिये चीन यहां की स्थिति में बदलाव करने की तैयारी में है। यह ताइवान की सीमा अस्पष्ट करके मनचाही सीमारेखा तय करने की चीन की कोशिशों का हिस्सा है, ऐसा आरोप ताइवान के विदेशमंत्री जोसेफ वू ने लगाया। ताइवान की जनता को चीन के इस खतरे का अहसास कराया जा रहा है। ताइवान सरकार इसके ज़रिये जनता को भी युद्ध के लिए तैयार करने की कोशिश कर रही है, यह जानकारी ताइवान के सैन्य विश्‍लेषक प्रदान कर रहे हैं।

दो देशों की विवादास्पद समुद्री सीमा निर्धारित नहीं होती तब तक यह दोनों देश आभासी मध्य रेखा पर सहमति के ज़रिये समुद्री एवं हवाई यातायात जारी रखते हैं। चीन और ताइवान के बीच भी १९५४ से इसी तरह से व्यापार एवं परिवहन हो रहा था। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने अधिकृत स्तर पर इसे मंजूरी प्रदान नहीं की है, पर इसके खिलाफ बड़ी आक्रामक भूमिका भी अपनाई नहीं थी। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से चीन ने इस आभासी मध्य रेखा का उल्लंघन करके ताइवान के खिलाफ और एक कदम उठाया हुआ दिख रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन की इन गंभीर हरकतों पर ध्यान आकर्षित किया।

इसके अनुसार ५ से २५ अगस्त के दौरान चीन ने अपने ६२० लड़ाकू विमानों को ताइवान की दिशा में रवाना किया था। इनमें से लगभग ३०० लड़ाकू और बॉम्बर विमानों ने ताइवान के ‘मिडियन लाईन’ का उल्लंघन किया। चीन की इस घुसपैठ की आलोचना करते हुए ताइवान के विदेशमंत्री जोसेफ वू ने चीन ने ताइवान के इर्दगिर्द शुरू किए युद्धाभ्यास और लड़ाकू विमानों की घुसपैठ की तीव्र आलोचना की। चीन के युद्धाभ्यास सिर्फ ताइवान के लिए नहीं बल्कि इस क्षेत्र में यातायात कर रहे माल वाहक जहाज़ और विमानों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है, इस पर विदेशमंत्री वू ने ध्यान आकर्षित किया। मध्य रेखा पार करके चीन यहां की स्थिति बदलने की एवं नई सीमा निर्धारित करने की कोशिश कर रहा है, यह आरोप ताइवान के विदेशमंत्री वू ने लगाया।

‘लेकिन, चीन कितने भी दावे करे तब भी ताइवान में स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और जनता ने चुनी हुई सरकार है। ताइवान की सेना और राजनीतिक व्यवस्था अपने निर्णय करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है’, ऐसी फटकार ताइवान के विदेशमंत्री ने लगाई। साथ ही चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ताइवान पर अपना हक जता रही है, फिर भी इसका वास्तव से बिल्कुल संबंध ना होने का बयान विदेशमंत्री वू ने ड़टकर किया। ताइवान के अन्य नेता भी अंतरराष्ट्रीय माध्यमों के समक्ष यह आरोप लगा रहे है कि, चीन ताइवान की खाड़ी की मध्यरेखा अस्पष्ट करने की कोशिश में है।

इसी बीच, चीन के इस बढ़ते खतरे को लेकर ताइवान की जनता को सावधान किया जा रहा है। इसके ज़रिये ताइवान की सरकार अपनी जनता को चीन के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार कर रही है, यह दावा ताइवानी विश्‍लेषकों ने किया है। 

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