अगले दशक में अमरीका से आगे बढकर चीन अंतरिक्ष क्षेत्र की महासत्ता बनेगा – ‘२०२२ स्टेट ऑफ स्पेस इंडस्ट्रियल बेस’ की रपट

वॉशिंग्टन/बीजिंग – अंतरिक्ष क्षेत्र में अमरीका की खराब स्थिति को सुधारने के लिए आवश्‍यक कदम नहीं उठाए गए तो चीन आनेवाले दशक में अमरीका को से आगे बढकर अंतरिक्ष क्षेत्र की महासत्ता बनेगा, ऐसी चेतावनी अमरिकी रपट में दी गई है। ‘डिफेन्स इनोवेशन युनिट’, ‘एअरफोर्स रिसर्च लैबोरेटरी’ और ‘स्पेस फोर्स’ तीनों विभागों ने साथ मिलकर ‘२०२२ स्टेट ऑफ स्पेस इंडस्ट्रियल बेस’ रपट पेश की। इसमें चीन ने कई साल पहले अंतरिक्ष क्षेत्र में सैन्य और आर्थिक वर्चस्व के लिए ‘ग्रैण्ड प्लैन’ तैयार करने का इशारा दिया है। साथ ही दूसरी ओर अमरिकी अंतरिक्ष क्षेत्र को प्रशासकीय अनास्था और अन्य मुश्‍किलों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा आरोप भी इस रपट में लगाया गया है।

‘तीन, पांच या दस सालों के लिए नही, बल्कि पूरी २१ वीं सदी को ध्यान में रखकर अमरीका को अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए नीति बनाने की ज़रूरत है। अंतरिक्ष क्षेत्र और अमरीका का इस क्षेत्र का भविष्य इस नीति का केंद्र होगा। लंबा नज़रिया रखा तो ही अमरीका अंतरिक्ष क्षेत्र की सफलता का प्लैन बना सकती है’, इन शब्दों में ‘डिफेन्स इनोवेशन युनिट’ के वरिष्ठ अधिकारी स्टिव बुटोव ने इस रपट की भूमिका स्पष्ट की। ‘२०२२ स्टेट ऑफ स्पेस इंडस्ट्रियल बेस’ नामक इस रपट में अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष जॉन एफ.केनेडी के कार्यकाल के ‘नॉर्थ स्टार विजन’ का ज़िक्र किया गया है। इस योजना का कार्यान्वयन करके अंतरिक्ष क्षेत्र में चीन के प्रभाव को चुनौती देना मुमकिन होगा, इस पर वर्णित रपट में ध्यान आकर्षित किया गया है।

चीन अंतरिक्ष क्षेत्र में अमरीका से पाच से छह गुना अधिक तेज़ी से प्रौद्योगिकी का विकास करके इस पर कार्यान्वनय कर रहा है। अंतरिक्ष में उपग्रह ‘जैम’ करना और उपग्रह के पूर्जों को अलग-अलग करने जैसी विभिन्न क्षमताएं चीन ने दिखाई हैं, इसका अहसास भी इस रपट में कराया गया। चीन ने कई दशक पहले अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए ‘ग्रैण्ड प्लैन’ बनाया है, लेकिन, अमरीका को अभी भी अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए पुख्ता नीति तय करना मुमकिन नहीं हुआ है, ऐसी तीव्र आलोचना इस रपट में की गई है। प्रशासकीय दिक्कतों के कारण अमरीका अंतरिक्ष क्षेत्र का अनुसंधान एवं नई प्रौद्योगिकी विकसित करने में असफल रही है, यह आरोप भी इस रपट में लगाया गया है।

पिछले महीने अमरिकी अंतरिक्ष संस्था ‘नासा’ के प्रमुख बिल नेल्सन ने, ’चीन चांद पर मालिकाना हक जताएगा’, इन शब्दों में चीन की हरकतों की ओर ध्यान आकर्षित किया था। इसी बीच अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अमरीका के वर्चस्व को चुनौती देना और अमरीका पर बढ़त पाना ही चीन की योजना का हिस्सा है, ऐसी चेतावनी ‘ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नैशनल इंटेलिजेन्स’ की रपट में दी गई थी।

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