युरोपीय देशों को ईंधनसप्लाई की गारंटी नहीं दी जा सकती

मॉस्को – अनपेक्षित घटनाक्रम के चलते युरोपीय देशों को ईंधनसप्लाई कायम रखने की गारंटी नहीं दी जा सकती, ऐसा स्पष्टीकरण रशिया की शीर्ष कंपनी गाझप्रोम ने दिया। पिछले महीने में गाझप्रोन ने ‘नॉर्ड स्ट्रीम 1′ इस ईंधनवाहिनी से की जानेवाली ईंधनसप्लाई को 60 प्रतिशत तक घटाया था। उसके बाद पिछले हफ़्ते में, रखरखाव और मरम्मत के काम के लिए ‘नॉर्ड स्ट्रीम 1′ की सप्लाई 10 दिन रोकने का ऐलान किया था। उसके बाद अब ईंधन सप्लाई की गारंटी देने से इन्कार करके रशिया ने युरोपीय देशों को ज़बरदस्त झटका दिया हुआ दिख रहा है।

ईंधनसप्लाईयुरोपीय देशों को की जानेवाली ईंधनसप्लाई में से 30 प्रतिशत से अधिक सप्लाई रशिया द्वारा की जाती है। उसमें क्रूड़ ऑईल और कोयले समेत नैसर्गिक ईंधनवायु का भी समावेश है। ‘नॉर्ड स्ट्रीम 1′ और यामल समेत पाँच ईंधनवाहिनियों के माध्यम से ईंधनवायु की सप्लाई की की जाती है। लेकिन रशिया-युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर इसमें मुश्किलें पैदा होना शुरू हुआ है। युरोपीय देशों ने थोंपे प्रतिबंधों के कारण रशिया नाराज़ होकर, ईंधनसप्लाई रोककर उसे प्रत्युत्तर दिया जायेगा, ऐसीं चेतावनियाँ रशिया द्वारा लगातार दीं गयीं थीं।

रशिया ऐसे क़िस्म की कार्र्वाई ना करें, इसलिए युरोपीय देशों ने रशिया के ईंधन क्षेत्र पर ठेंठ और आक्रामक प्रतिबंध लगाना टाला था। लेकिन उसी समय, ईंधनबंदी की संभावना के मद्देनज़र, ‘इमर्जन्सी प्लॅन’ पर अमल करना शुरू किया होने के संकेत भी दिये थे। रशिया की शीर्ष कंपनी ‘गाझप्रोम’ ने पत्र भेजकर ईंधनसप्लाई की गारंटी देने से इन्कार किया होने के कारण युरोपीय देशों को मजबूरन ‘इमर्जन्सी प्लॅन्स’ लागू करना पड़ेगा, ऐसा माना जाता है।

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