इजिप्ट में मुस्लिम ब्रदरहुड के दस लोगों को मृत्युदंड की सजा

कैरो – इजिप्ट सरकार ने आतंकवादी संघटना घोषित की हुई मुस्लिम ब्रदरहुड के दस सदस्यों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। सन २०१५ में इजिप्ट की सुरक्षा यंत्रणा पर किए गए हमले और हिंसाचार में शामिल हुए लोगों पर कार्यवाही की गई है। पिछले सालभर में इजिप्ट की सिसी सरकार ने मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता और कट्टरपंथियों पर की हुई कार्यवाही की तीव्रता बढाई है। इजिप्ट की सरकार ने शुरु की हुई इस कार्यवाहे पर इससे पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ और अमेरिका के कुछ नेताओं की टीका की थी।

egypt-muslim-brotherhood-death-sentenceसन २०१० में खाडी और उत्तर अफ्रिकी राष्ट्रों में अरब स्प्रिंग की लहर आई थी। इनमें से ट्युनिशिया, लिबिया और इजिप्ट की तानाशाही हुकूमत का तख्ता पलटकर लोकतांत्रिक सरकार स्थापन करने की मांग करके हिंसक आंदोलन छिडे थे। सन २०११ तक ट्युनिशिया, लिबिया और इजिप्ट में इस आंदोलन को तानाशाही हुकूमत तख्ता पलटने में सफलता मिली। इजिप्ट के होस्नी मुबारक की हुकूमत का तख्ता पलटकर यहां पर मुस्लिम ब्रदरहुड नामक कट्टरपंथिय संघना ने अपनी सत्ता प्रस्थापित की। तब इजिप्ट की सुरक्षा यंत्रणा और मुस्लिम ब्रदरहुड के बीच छिडे हुए संघर्ष में ८४६ से अधिक लोगों को जान गंवानी पडी थी। मुस्लिम ब्रदरहुड के मोहम्मद मोर्सी ने सत्ता के सूत्र हाथ में लेने के बाद इजिप्ट की समाज व्यवस्था में दो गुट हो गए।

तत्पश्चात सन २०१३ में विद्यमान राष्ट्राध्यक्ष और तत्कालीन सेनाप्रमुख जनरल अदेल फतह अल सिसी के नेतृत्व में सेना ने मोहम्मद मोर्सी की हुकूमत के खिलाफ विद्रोह किया। सेना ने राष्ट्राअध्यक्ष मोर्सी समेत मुस्लिम ब्रदहहुड के बडे नेता, समर्थक जैसे तकरीबन हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया। सन २०१५ में ब्रदरहुड के कुछ कट्टरपंथियों ने सुरक्षा यंत्रणा पर हमले किए। इसमें सुरक्षा दल के अधिकारी, जवान और नागरिकों की भी जानें गईं। इसलिए इजिप्ट की सेना ने ब्रदर हुड के कुछ कट्टरपंथियों को और आतंकियों को गिरफतार किया था। रविवार को इजिप्ट के न्यायालय ने इनमें से दस लोगों को मृत्युदंड की सज़ा सुनाई है।

इजिप्ट के न्यायालय ने भले ही सज़ा सुनाई हो फिर भी आनेवाले जून में इस राष्ट्र के धार्मिक परिषद से इस सज़ा पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इजिप्ट में मृत्युदंड अथवा फांसी की सज़ा पर धार्मिक परिषद से अंतिम निर्णय लिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से राष्ट्राध्यक्ष सिसी की सरकार ने मुस्लिम ब्रदहुड और इन संघटना से संलग्न कट्टरपंथियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही शुरु की है। सन २०१९ में भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष मोहम्मद मोर्सी की ऐसी ही एक सुनवाई के दौरान तबियत बिगडी थी। तत्पश्चात मोर्सी की मृत्यु हो गई। संयुक्त राष्ट्रसंघ और अमेरिका के कुछ गुटों ने इस पर क्रोध व्यक्त करते हुए राष्ट्राअध्यक्ष सिसी पर टीका की थी।

तो, मुस्लिम ब्रदरहुड एक कट्टरवादी संघटना के नाम से जानी जाती है। सन १९२८ में हसन अल-बन्ना ने स्थापन की हुई यह संघटन अल कायदा तथा अन्य आतंकी संघटनों से संलग्न होने के दावे इससे पहले भी हुए थे। इजिप्ट, सौदी अरेबिया, युएई, रशिया, बहरीन और सीरिया ने मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकी संघटना घोषित किया है। कतार और तुर्की द्वारा इस संघटना को समर्थन मिल रहा है, ऐसे दावे किए जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.