चीन की ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से जनता में नाराज़गी और असंतोष की भावना

zero-covid-policy-china-1बीजिंग – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने कोरोना की महामारी के खिलाफ अपनाई ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ का असर दिखाई देने लगा है। दो वर्ष पहले वुहान समेत अन्य हिस्सों में सफलता के साथ चलाई गई इस नीति के खिलाफ अब स्थानीय लोग नाराज़गी व्यक्त कर रहे हैं। चीन के सोशल मीडिया पर अलग-अलग फोटो, वीडियो एवं पोस्टस्‌ के माध्यम से जनता का यह असंतोष सामने आ रहा है। इसके बावजूद चीन की हुकूमत ने अपनी नीति में बदलाव ना करने के संकेत दिए हैं और प्रतिबंध अधिक सख्त किए हैं।

पिछले कुछ महीनों से चीन के अलग अलग प्रांत एवं शहरों में एक के बाद एक कोरोना का विस्फोट हो रहा है। डिसंबर एवं जनवरी में चीन के पांच से अधिक शहरों में कोरोना का फैलाव बढ़ता देखा गया है। इनमें शिआन, युझोऊ, तिआन्जिन, अनियांग और डालिअन शहर का समावेश हैं। इनमें से तिआन्जिन और डालिअन शहर राजधानी बीजिंग से करीब होने से चीन की हुकूमत की अधिक चिंता बढ़ी है।

zero-covid-policy-china-2इस महीने के अन्त में चीन में ‘लूनार न्यु यिर फेस्टिवल’ का आयोजन होगा और अगले महीने के शुरू में ‘विंटर ओलंपिक’ खेलों की शुरूआत होनी है। इस वजह से चीन में भारी संख्या में नागरिक बाहर निकलने से विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने की संभावना है। इस पृष्ठभूमि पर कोरोना का बढ़ता फैलाव चीन की ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ पर सवाल उपस्थित कर रहा है। शिआन जैसे शहर में एक महीने से अधिक समय से सख्त प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर २ हज़ार हुई है।

युझोऊ शहर में लॉकडाऊन जारी है और तिआन्जिन में एक ही महीने के दौरान दूसरी बार सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। प्रतिबंधों के बावजूद तिआन्जिन से डालिअन पहुँचे नागरिकों से कोरोना का संक्रमण शुरू होने की बात सामने आयी है।

प्रतिबंध लगाए गए शहरों में स्थानीय प्रशासन रात के समय हज़ारों नागरिकों को क्वारंटाईन सेंटर में दाखिल कर रहा है। कोरोना संक्रमितों को ‘मेटल बॉक्स’ में रहने के लिए मज़बूर किया जा रहा है। कुछ हिस्सों में नागरिक और सुरक्षायंत्रणाओं में मुठभेड़ होने का वृत्त भी प्रसिद्ध हुआ है। स्थानीय प्रशासन, अधिकारी एवं स्वयंसेवक कोरोना की महामारी को रोकने के लिए जनता को बंधक बना रहे हैं। इस वजह से कुछ नागरिकों की मौत होने की दहलानेवाली जानकारी स्पष्ट हुई है। लॉकडाऊन वाले शहरों में स्थानीय जनता को अनाज एवं आवश्‍यक सुविधाएं नही मिल रही हैं, ऐसी शिकायतें सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से सामने आ रही हैं।

चीन के इन सख्त प्रतिबंधों की वजह से अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ भी खौफ में हैं और सैमसंग एवं मायक्रोन टेक्नॉलॉजी के बाद फोक्सवैगन एवं टोयोटा जैसी कंपनियों ने काम रोकने का निर्णय किया है। इसका वैश्विक सप्लाई चेन समेत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार पर असर पडेगा, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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