ताजिकिस्तान, उज़बेकिस्तान को तालिबान ने धमकाया

काबुल – ‘अफ़गानिस्तान की वायुसेना के विमान और हेलीकॉप्टर्स लौटाएँ। इसके लिए उज़बेकिस्तान और ताजिकिस्तान हमारे संयम की परिक्षा ना लें। वरना अपने विमानों को पाने के लिए तालिबान को आवश्‍यक कार्रवाई करनी पड़ेगी’, यह धमकी तालिबानी हुकूमत के रक्षामंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने दी।

तालिबान ने धमकाया

पिछले कुछ वर्षों से अफ़गानिस्तान की वायुसेना में १६१ लड़ाकू विमान एवं हेलीकॉप्टर्स थे। इनमें ब्राज़ीलियन निर्माण के एवं भार में हल्के ‘ए-२९ टूकानो’ लड़ाकू विमान एवं अमरिकी निर्माण के ‘ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर्स’ का समावेश था। अफ़गानिस्तान की भूतपूर्व वायुसेना ने तालिबान विरोधी कार्रवाई के लिए इन विमानों और हेलीकॉप्टर्स का बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया था।

तालिबान ने धमकायालेकिन, पिछले वर्ष के अगस्त में तालिबान ने राजधानी काबुल की दिशा में आगे बढ़ना शुरू करने के बाद अफ़गानी वायुसेना के पायलटों ने अपने साथियों एवं परिजनों के साथ विमान एवं हेलीकॉप्टर्स लेकर पड़ोसी देशों की ओर रुख किया था। इन अफ़गान पायलटों ने लगभग ८० विमान और हेलीकॉप्टर्स ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में उतारने का दावा किया जा रहा है। अफ़गान सैनिकों ने भी दर्ज़नों अमरिकी हम्वी जैसे सैन्य वाहनों से ईरान की ओर रुख किया था।

अफ़गानिस्तान की सम्पत्ति वाले यह विमान और हेलीकॉप्टर्स दोबारा प्राप्त करने के लिए तालिबान ने गतिविधियाँ शुरू की हैं। तालिबानी हुकूमत के रक्षामंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने मंगलवार को राजधानी काबुल में आयोजित समारोह में बोलते समय ताजिकिस्तान एवं उज़बेकिस्तान को धमकाया। यह दोनों पड़ोसी देश किसी भी तरह की आनाकानी किए बिना यह विमान और हेलीकॉप्टर्स अफ़गानिस्तान को लौटाएँ और कार्रवाई करने के लिए तालिबान को मज़बूर ना करे, यह इशारा मुल्ला याकूब ने दिया।

इसके साथ ही अफ़गानिस्तान से भागे वायुसेना के पायलट और इंजिनियर्स स्वदेश लौट आएं, यह आवाहन भी याकूब ने किया। यह सभी अफ़गानिस्तान का गौरव हैं और उन्हें बड़े सम्मान से फिर से वायुसेना में शामिल किया जाएगा, यह आश्‍वासन याकूब ने दिया। तालिबान ने इससे पहले भी अफ़गान सेना के पूर्व सैनिकों को शरण आने का एवं अपनी कमांड़ में लौटने का आवाहन किया था। लेकिन, कुछ ठिकानों पर तालिबानियों ने अफ़गान सैनिकों की हत्या करने की घटनाएँ सामने आयी थीं। इस वजह से अफ़गानिस्तान की जनता, सैनिक एवं पूर्व नेता तालिबान के आश्‍वासनों पर भरोसा करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं।

तालिबान ने धमकायाअफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के साथ ही तालिबान एक लाख लोगों के रक्षा बल का निर्माण कर रही है। अब तक तालिबान ने स्पेशल फोर्सस की तरह ‘३१३ बद्री बटालियन’ का गठन किया है। इसी बीच पिछले हफ्ते इन स्पेशल फोर्सस की सहायता के लिए आत्मघाती हमलावरों की बटालियन तैयार करने का ऐलान तालिबान के प्रवक्ता ने किया था। अफ़गानिस्तान की सुरक्षा को चुनौती देनेवाले देशों में घुसकर हमले करने का ज़िम्मा इस बटालियन पर होगा, यह इशारा तालिबान ने दिया था। इस पृष्ठभूमि पर तालिबान ने ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान को दी हुई धमकी बड़ी गंभीर साबित होती है।

इसी बीच, ईरान में तालिबान के कमांडर और अहमद मसूद की मुलाकात होने का ऐलान ‘नैशनल रेजिस्टन्स फ्रंट’ (एनआरएफ) ने किया। साथ ही अफ़गानिस्तान में सर्वसमावेशक सरकार गठित हो, यह माँग करने की बात ‘एनआरएफ’ ने कही। लेकिन, तालिबान का प्रभावी गुट हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को यह प्रस्ताव मंजूर ना होने का बयान तालिबान ने किया है।

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