तालिबान ने ताजिकिस्तान को धमकाया – ताजिक सीमा पर हज़ारों आतंकियों को भी किया रवाना

काबुल – ‘ताजिकिस्तान हमारी हर बात में हस्तक्षेप कर रहा है। ताजिकिस्तान समय के चलते अफ़गानिस्तान में दखलअंदाज़ी ना करे, वरना ताजिकिस्तान की हरएक हरकत का प्रत्युत्तर दिया जाएगा’, ऐसा इशारा तालिबान के उप-प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर ने दिया है। बरादार का यह इशारा सामने आने से पहले ही तालिबान ने हज़ारों आतंकियों को ताजिक सीमा की ओर रवाना किया है। इनमें आत्मघाती हमलावर होने का दावा कुछ माध्यम कर रहे हैं।

बीते कुछ दिनों से कंदहार में रुके मुल्ला बरादर इस तालिबानी नेता का साक्षात्कार खाड़ी क्षेत्र के समाचार चैनल ने प्रसिद्ध किया। इसमें तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला बरादर ने ताजिकिस्तान को धमकाया है। अफ़गानिस्तान की उत्तरी दिशा में स्थित ताजिकिस्तान हमारे देश में हस्तक्षेप कर रहा है, यह आरोप मुल्ला बरादर ने लगाया। तालिबान के विरोधी ताजिकिस्तान की सरकार अफ़गानिस्तान में हस्तक्षेप करना बंद करे वरना इसके परिणामों के लिए तैयार रहे, ऐसा बरादर द्वारा धमकाने का दावा किया जा रहा है।

मुल्ला बरादर की यह धमकी सामने आने से दो दिन पहले ही तालिबान ने ‘मन्सूरी इस्लामिक एमिरात आर्मी’ के हज़ारों आतंकियों को ताजिकिस्तान की सीमा की ओर रवाना किया था। तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की थी। ताजिकिस्तान की सीमा के पास अफ़गानिस्तान के तखर प्रांत में इन आतंकियों की तैनाती होने का बयान मुजाहिद ने किया था। ताजिकिस्तान की सेना से उभरते खतरे की पृष्ठभूमि पर यह तैनाती करने का दावा मुजाहिद ने किया था।

ताजिक सीमातालिबान की इस तैनाती पर कुछ स्थानीय माध्यमों ने चिंता जताई है। तालिबान ने ताजिक सीमा के करीब तैनात किए इन आतंकियों में आत्मघाती हमलावरों की मौजूदगी का दावा भी इन माध्यमों ने किया है। तालिबान का ‘मन्सूरी’ गुट आत्मघाती हमलों के लिए पहचाना जाता है। इस वजह से अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को स्वीकृति प्रदान नहीं करेंगे, ऐसी भूमिका अपना रहे ताजिकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष एमोमाली रहमान को सबक सिखाने के लिए तालिबान सीमा से करीबी क्षेत्र में आत्मघाती हमले कर सकती है, यह दावा ताजिक रेड़ियो चैनल ने किया।

इसी बीच, ताजिकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने सार्वजनिक तौर पर तालिबान विरोधी भूमिका अपनाई है। अफ़गानिस्तान के ताजिक अल्पसंख्यांकों के अधिकारों को नजरअंदाज कर रही तालिबान की हुकूमत को कभी भी स्वीकृति ना देने का ऐलान किया है। साथ ही तालिबान के खिलाफ लड़ रहे अहमद मसूद और अमरूल्ला सालेह के नॉर्दन अलायन्स को ताजिकिस्तान का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। पंजशीर के संघर्ष में ताजिकिस्तान ने नॉर्दन अलायन्स को लष्करी सहायता प्रदान करने का आरोप पाकिस्तानी माध्यमों ने लगाया था।

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