‘साउथ चायना सी’ से यात्रा कर रहे विदेशी जहाज़ों के लिए चीन ने जारी किए नए नियम

south-china-sea-jinping-rules-2बीजिंग – पूरे विश्‍व का ध्यान अफ़गानिस्तान में जारी गतिविधियों की ओर लगा है और इसी बीच चीन ने ‘साउथ चायना सी’ पर अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं। इस समुद्री क्षेत्र से यात्रा कर रहे विदेशी जहाज़ों के लिए चीन ने नए नियमों का ऐलान किया है। इसके अनुसार संबंधित समुद्री क्षेत्र से यात्रा करने से पहले विदेशी सेना एवं मालवाहक जहाज़ों ने उसमें मौजूद सामान की पूरी जानकारी चीन को प्रदान करना अनिवार्य होगा। अगले बुधवार १ सितंबर से साउथ चायना सी क्षेत्र से यात्रा करनेवाले जहाज़ों के लिए यह नियम लागू होंगे। चीन के इन नए नियमों की वजह से साउथ चायना सी क्षेत्र में नया तनाव निर्माण हो सकता है।

साउथ चायना सी के करीबी सारे के सारे १३ लाख चौरस मील क्षेत्र पर चीन अपना अधिकार जता रहा है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत का निर्णय भी चीन को मंजूर नहीं है। फिलिपाईन्स, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के समुद्री क्षेत्र पर भी चीन अपना दावा जता रहा है। इसके लिए चीन ने इन देशों पर ‘नाईन डैश लाईन’ थोंपी है। साउथ चायना सी के अधिकांश क्षेत्र पर अपनी दावेदारी मज़बूत करने के लिए चीन ने ‘नाईन डैश लाईन’ का निर्माण किया था।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस ‘नाईन डैश लाईन’ को स्वीकृति प्रदान करे, इसके लिए चीन की कोशिश जारी है। रविवार के दिन चीन के मेरिटाईम सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन ने सार्वजनिक किए नए नियम भी इसी कोशिश का हिस्सा हैं। इसके अनुसार चीन के कथित समुद्री क्षेत्र से यात्रा करनेवाले परमाणु जहाज़, पनडुब्बियाँ, किरणोत्सार करनेवाला सामान एवं र्इंधन की यातायात करनेवाले जहाज़ों के साथ रासायन, द्रव वायु एवं अन्य जहरीले और हानिकारक पदार्थ लेकर यात्रा कर रहे विदेशी जहाज़ों को चीन की यंत्रणाओं को जहाज़ पर मौजूद सारे सामान की पूरी जानकारी प्रदान करनी होगा।

south-china-sea-jinping-rules-1चीन की समुद्री सुरक्षा के लिए इन नए नियमों को तुरंत लागू करना आवश्‍यक है, ऐसा चीनी विश्‍लेषकों का कहना हैं। इन नए नियमों की वजह से चीन के समुद्री क्षेत्र में विदेशी जहाज़ों की गतिविधियों पर बंधन लगाना आसान होगा, यह दावा चीनी लष्करी विश्‍लेषक साँग झाँगपिंग ने किया। साथ ही साउथ चायना सी क्षेत्र में ड्रोन के ज़रिये जासूसी करने पर भी बंधन लगाए जाएंगे, ऐसा चीन के मुखपत्र का कहना है।

बीते हफ्ते अमरीका के दो युद्धपोतों ने ताइवान के समुद्री क्षेत्र से यात्रा की। इसके बाद आगबबूला हुए चीन ने अमरीका को धमकाया था। इसके बाद दो दिनों में ही ‘साउथ चायना सी’ पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए चीन ने नए नियमों का ऐलान किया हुआ दिख रहा है।

इसी बीच अफ़गानिस्तान की गतिविधियों की वजह से अमरीका के मित्र एवं सहयोगी देशों का बायडेन प्रशासन पर विश्‍वास में दरार निर्माण होने का दावा किया जा रहा है। इसका लाभ चीन उठाएगा, ऐसे इशारे अमरीका एवं ब्रिटेन के पूर्व लष्करी अधिकारी और विश्‍लेषक दे रहे हैं। चीन ने भी ताइवान को धमकाते समय अफ़गानिस्तान से अमरीका की वापसी का दाखिला दिया था। इस पृष्ठभूमि पर चीन साउथ चायना सी क्षेत्र में आक्रामक प्रदर्शन कर रहा है। इसका पश्‍चिमी देशों ने गंभीर संज्ञान लिया है। यूरोपिय देशों के साथ भारत भी इस समुद्री क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को झटके देने की तैयारी जुटा रहा है। कुछ दिन पहले भारतीय नौसेना की टास्क फोर्स इस समुद्री क्षेत्र के लिए रवाना की गई थी।

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