बेलारूस की स्थिति अनियंत्रित होने पर रशिया की ‘रिज़र्व फोर्स’ हस्तक्षेप करेगी – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन का इशारा

belarus-reserve-forceमॉस्को/मिन्स्क – बेलारूस के प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को की हुकूमत का तख़्ता पलटने के लिए अत्याधिक कदम उठाए तो रशिया की ‘रिज़र्व फोर्स’ हस्तक्षेप करेगी, ऐसी कड़ी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी है। अमरिकी उप-विदेशमंत्री स्टीफन बिगन की रशिया यात्रा के बाद मात्र २४ घंटों में पुतिन ने यह इशारा दिया है। रशियन राष्ट्राध्यक्ष की इस चेतावनी पर यूरोपिय महासंघ ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। महासंघ ने बेलारूस के २० वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है। इन गतिविधियों की वजह से युक्रैन के साथ ही बेलारूस के मुद्दे पर रशिया और पश्‍चिमी देशों में तनाव होगा, यह संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

बेलारूस में बीते तीन सप्ताहों से हो रहे प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि पर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने गुरूवार के दिन रोसिआ २४ इस सरकारी समाचार चैनल को मुलाकात दी। बेलारूस की सुरक्षा के लिए रशिया वचनबद्ध है इसके बारे में राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को को हमने आश्‍वस्त किया होने की जानकारी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने साझा की। रशिया और बेलारूस के बीच हुए समझौते में संप्रभुता, स्थिरता और सरहद की सुरक्षा के लिए एक-दूसरे की सहायता करने का प्रावधान है। यह बात अब गोपनीय नहीं रही है। राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने रशिया को रिज़र्व सुरक्षा बलों की तैनाती की बिनती की है। लेकिन, बेलारूस की स्थिति अनियंत्रित होने पर रशिया की ‘रिज़र्व फोर्स’ वहां पर तैनात की जाएगी, यह बात राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने साझा की।

belarus-russiaरशिया की ‘रिज़र्व फोर्स’ तैयार होने की बात कहने के साथ ही पुतिन ने बेलारूस के प्रदर्शनकारियों को और पश्‍चिमी देशों को कड़ी चेतावनी भी दी। राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को की सत्ता पलटने के लिए प्रदर्शन करनेवालों ने अत्यधिक कदम उठाकर हिंसा का आधार लिया तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे, यह इशारा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है। बेलारूस के सियासी संकट की पृष्ठभूमि पर कुछ विदेशी ताकतें देश की राजनीतिक प्रकिया पर प्रभाव डालने की कोशिश कर रही हैं। अपने सियासी हितसंबंधों के अनुसार निर्णय हो, यह सोच इन घटकों ने रखी है। लेकिन, रशिया यह बात बर्दाश्‍त नहीं करेगी, ऐसी कड़ी चेतावनी पुतिन ने दी है।

९ अगस्त को बेलारूस में राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव हुए थे। बीते २६ वर्षों से बेलारूस का नेतृत्व कर रहे लुकाशेन्को ने इस चुनाव में ८० प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त करने का दावा किया था। उनके प्रतिद्वंद्वि स्वेतलाना तिखानोवस्काया को १० प्रतिशत से भी कम वोट प्राप्त होने की बात कही गई थी। लेकिन, इस चुनाव के दौरान बड़ी मात्रा में गड़बड़ी होने का आरोप सियासी दल और अंतरराष्ट्रीय समुदाय कर रहे हैं और लुकाशेन्को के खिलाफ़ व्यापक प्रदर्शन शुरू किए गए हैं। दो सप्ताह से अधिक समय से हो रहे इन प्रदर्शनों को अमरीका के साथ यूरोपिय देशों ने समर्थन प्रदान किया है। प्रदर्शनकारियों की भूमिका रशिया के खिलाफ़ ना होने से रशियन हुकूमत ने इन प्रदर्शनों का खुलेआम विरोध नहीं किया है। लेकिन, उसी समय अमरीका और यूरोपिय देश भी इन प्रदर्शनों में हस्तक्षेप ना करें, यह इशारा रशिया ने दिया है।

belarus-reserve-forceइस मुद्दे पर रशिया के सहयोग से हल निकालने के लिए अमरीका और यूरोपिय महासंघ की कोशिश जारी है। इसके लिए अमरिकी उप-विदेशमंत्री स्टीफन बिगन ने बुधवार के दिन वरिष्ठ रशियन नेताओं से भेंट की। महासंघ के प्रमुख सदस्य देश जर्मनी और फ्रान्स के राष्ट्रप्रमुख ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष के साथ फोन पर बातचीत भी की। लेकिन, अमरीका और यूरोप ने शुरू की हुई यह कोशिश फिलहाल नाकाम होने की बात पुतिन ने दिए इशारे से स्पष्ट हो रही है। इसकी वजह से युक्रैन की तरह ही बेलारूस में उभरे सियासी संकट का मुद्दा भी रशिया और पश्‍चिमी देशों के बीच तनाव बनानेवाला साबित होगा, यह संकेत विश्‍लेषकों ने दिए हैं।

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