राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के आदेश पर रशिया ने किया दो ‘बैलेस्टिक’ मिसाइलों का परीक्षण

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमॉस्को: अमरिका के मिसाइल परीक्षण को उत्तर दे यह आदेश राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने देने के बाद २४ घंटों के अंदर ही रशिया ने दो परमाणु शस्त्र मिसाइलों का परीक्षण किया है| आर्कटिक क्षेत्र का भाग होनेवाले बैरेंट सी में रशियन पनडुब्बियों से ‘बुलावा’ और ‘सिनेवा’ इन दो परमाणु वाहक बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया| पिछले २ महीनों में रशियन रक्षा दल में हुई बड़ी दुर्घटनाओं की पृष्ठभूमि पर इन परीक्षणों को मिली सफलता महत्वपूर्ण मानी जा रही है|

अमरिका ने पिछले हफ्ते में मध्यम दूरी के क्रूज़ मिसाइलों का परीक्षण किया था| लगभग ५०० किलोमीटर दूरी तक हमला करने की क्षमता रखनेवाले इन क्रूज़ मिसाइलों के परीक्षण का उपयोग अंतर खंडीय मिसाइलों की क्षमता विकसित करने के लिए किया जाएगा, ऐसा दावा भी अमरिका ने किया था| शुक्रवार को रशिया के सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अमरिका के परीक्षण पर जोरदार आलोचना की है|

अमरिका अपने प्रगत मिसाइलों की तैनाती एशिया पैसिफिक क्षेत्र में करेगी और इसकी वजह से रशिया के राष्ट्रीय सुरक्षा के हित संबंधों को खतरा निर्माण होगा| इसकी वजह से रशिया के रक्षा विभाग के साथ अन्य विभागों को अमरिकी परीक्षण को प्रत्युत्तर की तैयारी करनी होगी, ऐसे आदेश पुतिन ने दिए थे| इस आदेश के बाद २४ घंटों के अंदर रशियन रक्षादल ने अंतर खंडीय बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करते हुए पुतिन के आदेश पर अमल किया है|

शनिवार की सुबह आर्थिक क्षेत्र का भाग होनेवाले बैरेंट सी में रशिया के दो पनडुब्बियों से मिसाइल परीक्षण किया गया| उसके लिए रशियन नौसेना में ‘डेल्टा क्लास’ प्रकार की ‘तुला’ एवं ‘यूरी’ इन पनडुब्बियों का उपयोग किया गया| ‘तुला’ से प्रक्षेपित किया गया सिनेवा यह अंतर खंडीय परमाणु वाहक मिसाइल होकर यह मिसाइल लगभग ११ हजार किलोमीटर दूरी तक हमला करने की क्षमता रखता है| रशिया के परमाणु बेड़े में सबसे प्रगत मिसाइल के तौर पर सिनेवा को पहचाना जाता है| तथा ‘बुलावा’ यह मिसाइल एक ही समय पर १० न्यूक्लियर वॉरहेड ले जानेवाला मिसाइल होकर यह लगभग ८००० किलोमीटर दूरी तक हमला कर सकती है|

रशियन रक्षा दल ने किए परीक्षणों को राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के आदेश के साथ पिछले २ महीनों में हुई बडी दुर्घटनाओं की पृष्ठभूमि है| जुलाई महीने में रशिया की नौसेना में सबसे विध्वंसक और सीक्रेट वेपन के तौर पर पहचाने जानेवाली लोशैरीक परमाणु पनडुब्बी पर आग लगने की दुर्घटना हुई थी| इस में १४ नौसैनिकों की जान गई थी| उसके बाद २ हफ्तों पहले योनोक्सा के छोटे परमाणु प्रकल्प के पास किया गया परीक्षण भयानक रूप से फंसने से हुए विस्फोट में ५ वैज्ञानिक ढेर होने की जानकारी रशियन यंत्रणा ने दी थी|

एक के बाद एक हुई इन दुर्घटनाओं से रशिया की रक्षा क्षमता एवं सुरक्षा के बारे में प्रश्न उपस्थित किए जा रहे थे| शनिवार की सुबह किए गए परमाणु वाहक मिसाइल का परीक्षण करके इसके जरिए रशिना ने सभी सवालों को उत्तर देने की कोशिश की है, यह बात रशियन माध्यमों ने कही है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.