अमेरिका की रशिया के खिलाफ युद्ध के लिए आकस्मिक योजना

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अमेरिकी रक्षा विभागxद्वारा रशिया के खिलाफ युद्ध के लिए आकस्मिक योजना की तैयारी शुरु कर दी है| रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने ‘फॉरेन पॉलिसी’ नामक मैगजिन को दी जानकारी के बाद यह बात सामने आयी है| रशिया द्वारा पूर्व यूक्रेन में हुआ हस्तक्षेप और बाल्टिक देशों पर आक्रमण की संभावना को देखते हुए यह फैसला लिया गया है|

रक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि,’अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा की विद्यमान स्थिति और रशिया की गतिविधियों को देखते हुए नाटो के सदस्य देशो के खिलाफ आक्रमण संभव है| इस आक्रमण का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र लडाई की आकस्मिक योजना में सुधार करना अत्यावश्यक होगा|’ रक्षा विभाग के भूतपूर्व वरिष्ठ अधिकारी मिशेल फ्लोर्नोय ने भी इसकी पुष्टि की है| उन्होंने कहा कि, रशिया द्वारा पूर्व यूक्रेन में किये गये सैनिकी कारवाई के बाद अमेरिका को युद्ध की योजना फिर से तैयार करनी चाहिए|

रक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी में युद्ध की नयी आकस्मिक योजना के दो हिस्से बताये गये हैं| पहले हिस्से में, अगर रशिया नाटो के सदस्य देशों के खिलाफ हमला करता है तो अमेरिका उसे कैसा जवाब दे, इस पर विचारविमर्श किया गया है| दूसरे हिस्से में नाटो सदस्य देशों के अलावा अन्य जगहों पर लडाई शुरु हुई तो अमेरिका किस रूप से कारवाई करेगी, इस को प्राथमिकता दी गई है|

अमेरिका और रशिया में पिछली सदी से चल रहे शीतयुद्ध के दौरान अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा रशिया के खिलाफ युद्ध की आकस्मिक योजनाएँ तैयार की गयीं थीं| लेकिन सन १९९१ में सोविएत संघराज्य के विघटन के बाद, ‘पेंटागॉन’ द्वारा ऐसी योजनाओं पर ध्यान नही दिया गया था| करीब दो दशक बाद अब अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा फिर से रशिया के खिलाफ युद्ध के आकस्मिक योजना में सुधार किये जा रहे हैं| यह बात दो देशों के बीच का तनाव और अमेरिका के आक्रामक नीति का संकेत देनेवाली मानी जा रही है|

पिछले कई महीनों से अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित रक्षा विभाग के उच्चतम अधिकारी तथा कई अमेरिकी नेताओं द्वारा, रशिया अमेरिका का प्रमुख शत्रु होने की बात दोहरायी जा रही है| अमेरिका की सुरक्षा को रशिया का सबसे बडा धोखा होने की चेतावनी भी दी गयी है| इसे देखते हुए ‘पेंटागॉन’ की योजना दो देशों के बीच बढते खींचाव को पुष्टि देनेवाली है| कुछ दिन पहले ही अमेरिका और रशिया के रक्षामंत्रियों के बीच फोन पर बात हुई थी| इसके चलते ‘पेंटागॉन’ के योजना की खबर सामने आना ध्यान खींचनेवाली बात साबित हो रही है|

अमेरिकी रक्षा विभाग के साथ ही नाटो ने भी रशिया के खिलाफ तैयारी पर जोर दिया है| नाटो द्वारा पूर्व यूरोप स्थित कुछ देशों को सदस्य बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे है| पूर्व यूरोप स्थित मॉंटेनेग्रो की संसद द्वारा नाटो सदस्य बनने के लिए विशेष प्रस्ताव पारित किया गया है| दिसंबर में होनेवाली नाटो बैठक में इस पर फैसला लिया जायेगा| अमेरिका ने मॉंटेनेग्रो को नाटो सदस्यता देने के मसले पर समर्थन दिया है| रशिया द्वारा नाटो के पूर्व यूरोपीय विस्तार के प्रयासों की कडी आलोचना की गयी है|

दूसरी ओर रशिया ने भी अपनी रक्षा नीति और आक्रामक करने का फैसला लिया है| इसके अंतर्गत रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने बेलारुस में रशिया के लिए नया हवाईअड्डा बनाने के संकेत दिये है| पुतिन ने बताया कि बेलारुस में हवाईअड्डा स्थापित करने के मामले पर जल्द ही दोनों देशों के बीच समझौता किया जाएगा|

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