तुर्की द्वारा विद्रोहियों पर की कार्रवाई और भी तेज़

अंकारा, दि. २० (वृत्तसंस्था)- राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के खिलाफ़ बग़ावत का ऐलान करनेवालों को उख़ाड़ फ़ेंकने की घोषणा तुर्की सरकार ने की है| इस पृष्ठभूमि पर, तुर्की की सेना ने बुधवार तक की कार्रवाई में ५० हज़ार लोगों को हिरासत में ले लिया| इसमें तुर्की के अध्यापक भी शामिल हैं| आगे भी यह कार्रवाई शुरू रहनेवाली है, ऐसा दावा किया जाता है|

Erdogan - तुर्की सरकार

मंगलवार के दिन एर्दोगन सरकार ने, तुर्की के शिक्षण और सार्वजनिक क्षेत्र से कुल १७ हज़ार अध्यापकों और शासकीय अधिकारियों को निकाल बाहर फेका| तो निजी पाठशाला के करीब २१ हज़ार शिक्षकों के लाइसेंस रद्द कर दिए| इन सारे लोगों पर, विद्रोहियों से संबंध रखने के आरोपों के अंतर्गत कार्रवाई की गई, ऐसी जानकारी तुर्की के शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने दी|

इसके साथ ही, तुर्की के ‘हाय एज्युकेशन बोर्ड’ ने विश्‍वविद्यालय के तक़रीबन १५७७ अधिष्ठाताओं को इस्तीफ़ा देने पर मजबूर किया, ऐसी जानकारी सामने आयी है| पिछले हफ़्ते असफल रहीं बगावत में मारे गए सैनिक और उनके सहायकों की दफनविधि पर तुर्की के सरकार ने प्रतिबंध लगाया है|

वहीं, एर्दोगन सरकार ने अमरीका के सामने फिर से, फेतुल्ला गुलेन को अपने हवाले करने की माँग अधिकृत रूप में की है| गुलेन तुर्की के बगावत में शामिल थे, इस संदर्भ में सबूत भी अमरीका को पेश किये गये है, ऐसा तुर्की के प्रधानमंत्री ने कहा|

पिछले हफ़्ते हेलिकॉप्टर से ग्रीस में उतरे ८ विद्रोहियों को अपने हवाले करें, ऐसी माँग तुर्की ने की है| लेकिन ग्रीस ने, इन विद्रोहियों पर अपने देश में ही और अपने देश के क़ानून के अनुसार कार्रवाई करने की घोषणा की है| इसपर विद्रोहियों के हस्तांतरण के लिए तुर्की ग्रीस को धमका रहा है, ऐसा कहा जा रहा है| इन विद्रोहियों ने ग्रीस से आश्रय की माँग की थी|

इस दौरान, ‘तुर्की में हुई बग़ावत के कारण तुर्की की जनता को युरोप में ‘व्हिसा-फ्री’ प्रवेश नहीं मिल सकता’ ऐसी घोषणा युरोपीय महासंघ ने की|

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