इटली में ‘नाजी समर्थक’ गुटों पर हुई पुलिस कार्रवाई में १९ संदिग्ध गिरफ्तार – हथियारों का भंडार एवं कई किताबें जब्त

रोम – इटली की पुलिस ने देश भर में ‘नाजी समर्थक’ गुटों पर बडी मात्रा में छापे किए है और इस दौरान बडी तादात में हथियारों का भंडार और किताबें बरामद की गई है| इस छातों में १९ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और यह सभी संदिग्ध देश के नाजी एवं फैसिस्ट विचाधारा का पुरस्कार कर रहे सियासी दल का गठन करने की कोशिश में थे, यह दावा पुलिस ने किया है| इस वर्ष इटली में ‘नाजी समर्थक’ गुटों के विरोध में की गई यह दुसरी बडी कार्रवाई साबित हुई है|

देश के अलग अलग हिस्सों में  यह कार्रवाई की गई है और ‘नाजी’ तानाशाह एडॉल्फ हिटलर एवं फैसिस्ट तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की जानकारी का प्रचार करने लिखीं किताबें जब्त की गई है| इस दौरान बडी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए है और संदिग्ध सदस्यों को हथियार चलाने का एवं हमलें करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था, यह भी पुलिस ने कहा है|

पिछले दो वर्षों से इटली की पुलिस यंत्रणा देश में चरमपंथी दक्षिणी विचारधारा रखनेवाले गुटों पर नजर रखकर थी| इन गुटों से जुडे अलग अलग व्यक्ति एवं जगहों की जांच भी शुरू थी| इस जांच से एक बडा गुट इटली में ‘इटालियन नैशनल सोशॅलिस्ट वर्कर्स पार्टी’ के नाम से सियासी दल का गठन करने की कोशिश में होने की बात सामने आयी थी| इस दल की विचारधारा नाजी एवं फैसिझम का पुरस्कार करनेवाली एवं ज्यूधर्मियों के विरोध में द्वेष भावना का निर्माण करनेवाली होने की बात सामने आयी थी|

इटली के कानुन के तहेत नाजी एवं फैसिस्ट विचारधारा पर सियासी दल का गठन करने पर पाबंदी है| इसी के आधार पर पुलिस ने देशभर में छापे किए है और सियासी दल गठन करने की कोशिश नाकाम की है| गिरफ्तार किए सदस्य ब्रिटेन एवं पोर्तुगाल के निओ नाजी गुटों से संबंधित थे, यह भी कहा जा रहा है| अगस्त महीने में लिस्बन में हुए दक्षिणी चरमपंथी विचारधारा की बैठक में इटली के सदस्य भी शामिल हुए थे, यह दावा भी पुलिस ने किया है|

कुछ महीने पहले ब्रिटेन में भी निओ नाजी विचारधारा का समर्थन करनेवाले गुटों का गठन हो रहा था और उन्हें समर्थन प्राप्त होने की बात भी सामने आयी थी|

यूरोप में पिछले कुछ वर्षों में शरणार्थी एवं स्थानांतरित लोगों की संख्या काफी मात्रा में बढी है और जनसंख्या में श्‍वेतवर्णियों की मात्रा कम होने की बात कही जा रही है| कुछ यूरोपिय देशों के कुछ हिस्सों में इस बदलाव पर कडी प्रतिक्रिया उमड रही है और दक्षिणी विचारधारा को प्राप्त हो रहा समर्थन इसी का हिस्सा समझा जा रहा है| ऐसे में पाबंदी लगाने की कार्रवाई करने के बावजूद इन गुटों की हरकते जारी रहना सरकार की नाकामी है, यह आलोचना यूरोप के विश्‍लेषक कर रहे है|

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