परमाणु करार का उल्लंघन करनेवाले ईरान पर प्रतिबंध लगाने की दी फ्रान्स के विदेशमंत्री ने चेतावनी

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पैरिस/तेहरान – ‘परमाणु समझौते की मर्यादा का उल्लंघन करनेवाले ईरान पर संयुक्त राष्ट्रसंघ के कडे प्रतिबंध दुबारा लगाए जा सकते है’, यह कडी चेतावनी फ्रान्स के विदेशमंत्री जीन येस ले द्रियान ने दी है| वर्ष २०१५ में ईरान के साथ परमाणु समझौता करते समय फ्रान्स ने ईरान की इस संभावित कार्रवाई का पहले ही विचार करके इसी दिशा में प्रावधान करके रखा था, यह इशारा जीन येस ने दिया है| फ्रान्स के विदेशमंत्री की इस चेतावनी पर ईरान ने कडी आपत्ति दर्ज की है और ऐसे गलत बयान फ्रान्स ना करें, यह फटकार भी लगाई है|

फ्रान्स की संसद में बोलते समय विदेशमंत्री जीन येस ने ईरान अपने परमाणु केंद्र में कर रहे युरेनियम के संवर्धन और ईरान के कारण खाडी क्षेत्र में बने तनाव पर फ्रान्स ने भूमिका रखी है| ‘हर दो महीने बाद ईरान अपने परमाणु केंद्र में बदलाव कर रहा है और यह चिंताजनक गतिविधियां होती है| ऐसा ही शुरू रहा तो परमाणु समझौते में तय हुआ था उसके अनुसार ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे’, यह इशारा विदेशमंत्री जीन येस ने दिया|

वर्ष २०१५ में हुए परमाणु समझौते में ईरान पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान फ्रान्स ने ही किया था, इसका एहसास विदेशमंत्री जीन येस ने दिलाया| साथ ही ईरान ने जिस तरह से परमाणु समझौते का उल्लंघन जारी रखा है, उसे देखे तो इस समझौते को लेकर ईरान की कटिबद्धता पर सवाल उपस्थित हो रहा है, यह आलोचना फ्रान्स के विदेशमंत्री ने की है|

ईरान के साथ हुए इस समझौते से अमरिका पीछे हटने के बाद फ्रान्स ने ही यह समझौता बचाने के लिए बडी कोशिश की थी| पर ईरान ने परमाणु समझौते का उल्लंघन करके युरेनियम संवर्धन और सेंट्रीफ्युजेस पर काम शुरू करके फ्रान्स को निराश किया है, यह बात जीन येस ने संसद में बोलते समय रखी| मई महीने से ईरान ने परमाणु समझौते में रखी शर्तों का उल्लंघन करना शुरू किया| इसपर फ्रान्स एवं ब्रिटेन ने भी चिंता व्यक्त की है|

फ्रान्स के इशारे पर ईरान ने गुस्सा जताया है| ‘अमरिका ने गलत तरीके से परमाणु समझौते से पीछे हटने का किया निर्णय और यूरोपिय देशों ने जिम्मेदारी संभालते समय की हुई गलती की वजह से ईरान को भी परमाणु समझौते की जिम्मेदारी से एक एक कदम पीछे लेना जरूरी बना था| ईरान की यह भुमिका अमरिका और युरोपिय देशों को जवाब था| इस वजह से फ्रेंच अधिकारी इस मुद्दे पर गैरजिम्मेदाराना बयान ना करें’, यह इशारा ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मुसावी ने दिया है|

अबतक ईरान का समर्थन करके फ्रान्स ने परमाणु समझौते से पीछे हटनेवाले अमरिका पर आलोचना की थी| पर जून महीने में ईरान ने फ्रान्स के दो वैज्ञानिकों को हिरासत में लेने के बाद फ्रान्स और ईरान के बीच तनाव बना है| इसका असर दिखाई देने लगा है और पिछले हफ्ते में पर्शियन खाडी में शुरू ईरान की हरकतों पर आलोचना करके फ्रान्स ने इस समुद्री क्षेत्र में अपनी युद्धपोत तैनात करने का ऐलान किया था|

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