पाकिस्तान में अल्पसंख्यांक हजारा वंशियों पर आत्मघाती हमला – २१ लोगों की मौत, ५० से अधिक जख्मी

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क्वेट्टा – बलूचिस्तान के क्वेटा शहर में केंद्रीय बाजार में हुए आत्मघाती विस्फोट में २१ लोगों की जान गई है| इनमें पाकिस्तान के अल्पसंख्यक के तौर पर पहचाने जानेवाले हजारा वंशियों का समावेश है| पिछले ६ वर्षों में पाकिस्तान में कट्टरपंथी तथा आतंकवादी गुटों ने लगातार हजारा वंशियों को लक्ष्य किया है और इस दौरान अब तक ५०० से अधिक लोगों की जान जाने का दावा मानव अधिकार संगठन की रिपोर्ट में किया गया था|

शुक्रवार की सुबह साढ़े सात के आसपास क्वेट्टा के हजार गंज बाजार में भीषण विस्फोट किया गया| विस्फोट के समय में हजारा व्यापारी, नागरिक तथा उन्हें सुरक्षा प्रदान करने वाली लष्करी टुकड़ी उपस्थित थी| व्यापारी ट्रक में यह विस्फोट होने की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अब्दुल रजाक चीमा ने दी है| बली गए हजारा वंशियों के व्यापारी एवं नागरिकों के साथ लष्करी जवानों का समावेश होने की बात सूत्रों से स्पष्ट हुई है|

विस्फोट में जख्मी लोगों की संख्या ५० से अधिक होकर उनमें अनेक गंभीर जख्मी है| जिसकी वजह से आनेवाले समय में बलि लोगों की संख्या बढ़ सकती है, ऐसा डर स्थानीय सूत्रों से जताया जा रहा है| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान के साथ वरिष्ठ नेताओं ने विस्फोट में बलि गए लोगों के प्रति तीव्र शोक व्यक्त किया है| किसी भी संगठन ने अबतक इस विस्फोट की जिम्मेदारी का स्वीकार नहीं किया है| पर इससे पहले हुए हमलों में पाकिस्तान के कट्टर गट तथा लष्कर ए झांगवी जैसे आतंकवादी संगठन का हाथ उजागर हुआ था|

अफगानिस्तान का मूल होनेवाले हजारा वंशियों ने पिछले कुछ दशकों से पाकिस्तान में बड़ी तादाद में स्थानांतरित किया है| पाकिस्तान के क्वेट्टा में लगभग ६ लाख हजारा वंशियों की बस्ती होकर वह पाकिस्तान में अल्पसंख्यक होनेवाले गट का भाग है| लगातार होनेवाले हमलों की वजह से पाकिस्तानी सुरक्षादल से हजारा वंशियों को विशेष सुरक्षा प्रदान की गई थी| पर यह सुरक्षा पर्याप्त ना होने की बात शुक्रवार को हुए विस्फोट से फिर एक बार स्पष्ट हो रही है|

पाकिस्तान में पिछले कई वर्षों में अल्पसंख्यक पर अत्याचार, छल, हमलों की घटना लगातार बढ़ने की बात सामने आ रही है| इन घटनाओं को पाकिस्तानी यंत्रणा का समर्थन होने के दावे अल्पसंख्याक के प्रतिनिधित्व करने वाले गुटों से किए जा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार यह मुद्दा उपस्थित किया जा रहा है|

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