‘आजादी मार्च’ राजधानी पहुंचने से पाकिस्तान की सरकार खतरे में

इस्लामाबाद – मौलाना फजलुर रेहमान ने पाकिस्तान की सरकार के विरोध में आयोजित कियाआजादी मार्चराजधानी इस्लामाबाद पहुंचा है| हम इम्रान खान को इस्तिफा देने के लिए दो दिन का अवसर प्रदान कर रहे है| उन्होंने इस्तिफा नही दिया तो अगला निर्णय पाकिस्तान की जनता ही करेगी, यह धमकी मौलाना फझलुर रेहमान ने दी है| इस वजह से इम्रान खान की सरकार पर बना सियासी संकट और भी गहरा होता दिख रहा है|

गुरुवार के दिन पाकिस्तान में हुए भीषण रेल्वे अपघात में ७५ लोगों की मौत हुई थी| ऐसी स्थिति मेंआजादी मार्चको देरी करने का निवेदन मौलाना फजलुर रेहमान से किया गया था| पर उन्होंने इसपर स्पष्ट तौर से इन्कार किया| इसके बाद हजारों प्रदर्शनकारी राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे है| उन्हें राजधानी पहुंचना मुमकिन हुआ, यही काफी बडी बात होती है

पाकिस्तान में सबसे ताकदवर होनेवाली सेना ने तय किया होता तो यह प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद पहुंच ही नही सके होते, यह कहकर कुछ पत्रकार पाकिस्तान में सरकार में परिवर्तन होने का माहौल बनने के संकेत दे रहे है|

पिछले वर्ष पाकिस्तान में हुए चुनाव के बाद इम्रान खान ने सरकार बनाई थी| पर, यह चुनाव अवैध था और इम्रान खान चुने नही गए है, बल्कि चयन किए हुए प्रधानमंत्री होने का आरोप विपक्षी नेता कर रहे है| मौलाना फजलुर रेहमान इसमें सबसे आगे है औरपाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाझ(पीएमएलएन) और पाकिस्तान पिपल्स पार्टी (पीपीपी) इन दलों ने भी रेहमान के आजादी मार्च का समर्थन किया है| पीपीपी के नेता बिलावल भुत्ता ने भी इम्रान खान यहसिलेक्टेडप्रधानमंत्री होने का आरोप करके पाकिस्तान की जनता उनके साथ नही है, यह दावा किया है

इम्रान खान को काफी समय मिलने के बावजूद किसी भी मोर्चे पर उनकी सरकार ने संतोष दिलानेवाला काम नही किया है| इस वजह से इस सरकार को सत्ता से हटाने का यही समय है| यदि दो दिनों में इम्रान खान ने इस्तिफा नही दिया तो अगला निर्णय पाकिस्तान की जनता ही करेगी, यह धमकी मौलाना फझलुर रेहमान ने दी| वही, पाकिस्तान के मंत्रिमंडल के सदस्य इस आजादी मार्च पर कडी कार्रवाई करने के संकेत देने लगे है| प्रदर्शन करने के अधिकार से इन्कार नही कर सकते| पर, किसी ने भी कानून तोडा तो उसको बक्शा नही जाएगा, ऐसा इशारा पाकिस्तान के कुछ मंत्रि दे रहे है|

इस वजह से राजधानी इस्लामाबाद में किसी भी क्षण संघर्ष शुरू होगा और हडबडी मच सकती है| ऐसी स्थिति बनी तो इसे हम जिम्मेदार नही होंगे, यह इशारा पाकिस्तान की सरकार और विपक्षी नेता दे रहे है| इम्रान खान ने कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर काफी गंभीर स्थिति बनी होते हुए भी प्रदर्शन कर रहे विपक्ष पर कडी आलोचना की है| पर, कश्मीर मसले की ढाल बनाकर इम्रान खान अपनी सरकार बचाने की कोशिश कर रहे है, यह आरोप फझलुर रेहमान और उनके समर्थक कर रहे है|

इम्रान खान और कुछ समय तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे तो इस देश की स्थिति बेहाल होगी| इसी लिए उन्हें समय पर इस्तिफा देने के लिए विवश करना जरूरी है, यह दावा विपक्षी नेताओं के साथ किसी समय इम्रान खान को समर्थन देनेवाले भी करने लगे है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.