चीन के विरुद्ध युद्ध से बचने के लिए अमरिका के साथ किए रक्षा समझौते पर फिलपीन दुबारा विचार करेगा – फिलिपीनी रक्षा मंत्री के संकेत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमनिला – ‘साउथ चाइना सी’ में अमरिकी युद्धपोतों की बढती मौजुदगी से इस क्षेत्र में अमरिका और चीन में युद्ध होने की संभावना ठुकराई नही जा सकती| युद्ध हुआ तो अमरिका के साथ किए समझौते के कारण फिलपीन भी इस युद्ध में खिंचा जाएगा’, यह डर जताकर इस परिस्थिति से बचने के लिए अमरिका के साथ हुए रक्षा समझौते पर दुबारा विचार करना होगा, ऐसे संकेत फिलपीन के रक्षा मंत्री ने दिए है| पिछले हफ्तें में अमरिकी विदेश मंत्री माईक पोम्पिओ इन्होंने फिलपीन पर हुआ हमला यानी अमरिका पर हमला होगा, ऐसा कहकर फिलपीन की सुरक्षा करने का वादा किया था| उसके बाद फिलपीनी रक्षा मंत्री ने इस समझौते पर दुबारा सोचने के दिए संकेत चौकानेवाले साबित हो रहे है|

अमरिका और फिलपीन के बीच ६८ वर्ष पहले रक्षा सामंजस्य समझौता हुआ था| उसके बाद इस क्षेत्र की रक्षा संबंधि स्थिति में बदलाव हुआ है और स्थिति काफी जटील हुई है| फिलहाल फिलपीन का किसी के साथ भी संघर्ष शुरू नही है और हमें किसी के विरोध में युद्ध में भी उतरना नही है| लेकिन, अमरिका के साथ हुए समझौते की वजह से फिलपीन साउथ चाइना सी क्षेत्र में अमरिका-चीन युद्ध में खिंचा जा सकता है’, यह दावा फिलपीन के रक्षा मंत्री डेल्फिन लौरेन्झाना इन्होंने किया|

अपने मुद्दे का समर्थन करते समय फिलपीनी रक्षा मंत्री ने वर्ष १९९२ के बाद अमरिका ने इस क्षेत्र की ओर की हुई नजरअंदाजी पर ध्यान दिया है| फिलपीन ने अमरिकी लष्करी अड्डों का समझौता रद्द करने पर चीन ने अतिक्रमण करके लष्करी अड्डे का निर्माण किया था, इस ओर लौरेन्झाना इन्होंने ध्यान आकर्षित किया है| चीन की इन गतिविधियां पर अमरिका रोक नही लगा सकी थी, यह आरोप भी उन्होंने किया| अमरिका से दी जा रही सुरक्षा की गारंटी यह मुद्दा नही है, बल्कि फिलपीन को युद्ध में शामिल नही होना है, यह बात अहम है, ऐसा फिलपीनी रक्षा मंत्री ने कहा है|

पिछले हफ्तें में अमरिकी विदेश मंत्री माईक पोम्पिओ इन्होंने फिलपीन को भेंट दी थी| इस भेंट में उन्होंने चीन को चेतावनी देते समय अमरिका और फिलपीन के बीच हुए समझौते की याद दिलाई थी| अगले समय में साउथ चाइना सी में फिलपीन के ठिकानों पर हमला हुआ तो उसे अमरिका जवाबी हमलें से उत्तर देगी, ऐसा विदेश मंत्री माईक पोम्पिओ इन्होंने डटकर कहा था| वही, अमरिका इस क्षेत्र में दखल अंदाजी करके इस क्षेत्र संकटों में बढोतरी ना करे, यह जवाब चीन ने दिया था|

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