सऊदी के लापता पत्रकार की हत्या होने का तुर्की का आरोप – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की तरफ से जांच के आदेश  

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इस्तांबुल/वॉशिंगटन/रियाध – सऊदी अरेंबिया के एक अग्रणी पत्रकार और अमरिकी मीडिया में स्तंभ-लेखक के तौर पर कार्यरत जमाल खशोगी की हत्या होने का आरोप तुर्की सरकार ने लगाया है। तुर्की यंत्रणा के हाथ लगी ऑडियो टेप और विडियो टेप से इस दावे को पुष्टि मिलती है। ऐसा तुर्की ने अमरिकी अधिकारीयों को सन्देश भेजा है। खशोगी पिछले हफ्ते में तुर्की के इस्तांबुल शहर के सऊदी के वाणिज्यिक दूतावास में गए थे। उसके बाद से वह गायब हैं और सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उनकी हत्या करने का आरोप किया गया है।

सऊदी प्रत्रकार के लापता होने का मामला इन दिनों अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत गर्म हो गया है और खाड़ी देश और अमरिका के बीच के संबंध दांव पर लगे हैं। तुर्की, ईरान और कुछ खाड़ी देशों ने इस मुद्दे पर सऊदी के राजघराने पर निशाना साधा है।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को सऊदी अरेबिया के साथ अमरीका के संबंध उत्तम स्थिति में हैं और खशोगी मामले की वजह से इस पर कोई भी परिणाम होने वाला नहीं है, इस बात को स्पष्ट किया है। उसी समय ट्रम्प लगातार सऊदी अरेबिया के संपर्क में हैं और जल्द ही इस मामले की पूई जानकारी बाहर आएगी, ऐसा दावा किया है। व्हाईट हाउस की तरफ से प्रसिद्ध किए गए निवेदन में अमरिका के राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन, विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ और सलाहकार जैरेड कश्नर ने बिन सलमान के साथ चर्चा की है, ऐसा कहा गया है।

शुक्रवार को तुर्की सरकार ने खशोगी मामले में सनसनीखेज दावा करते हुए, खशोगी की हत्या होने के सबूत मिलने की बात कही है। तुर्की की यंत्रणा के हाथ लगी ऑडियो टेप और विडियो टेप से सऊदी अरेंबिया का पथक दूतावास में होने की बात सामने आई है, ऐसा तुर्की ने दावा किया है। इस पथक ने  खशोगी कसे पूछताछ करते समय मारने का और उसके बाद हत्या करने का दावा तुर्की ने किया है।

कुछ दशकों पहले सऊदी अरेबिया के राजघराने से नजदीक रहे खशोगी ने सऊदी की मीडिया में कई साल काम किया है। इन दिनों वह अमरिका के प्रमुख ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ के लिए स्तंभ लेखक के तौर पर काम कर रहे थे। पिछले हफ्ते २ अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित सऊदी के दूतावास में जाने के बाद से वह लापता हुए हैं और उनका अभी तक कुछ भी पता नहीं चला है। उनकी हत्या होने का आरोप पश्चिमी मीडिया कर रहा है। उसी समय एक पत्रकार लापता होता है और ट्रम्प प्रशासन सऊदी के तानाशाही राजवट के पक्ष में खड़ा होने की नाराजगी अमरिकन वृत्तसंस्थाओं की तरफ से व्यक्त की जा रही है। अमरिका के लोकप्रतिनिधि भी इस मामले की जांच होनी चाहिए, ऐसी मांग कर रहे हैं।

खशोगी लापता होने के बाद सऊदी के राजघराने के सदस्य जैसे गायब हुए हैं, ऐसा लग रहा है। ऐसी आलोचना ईरान ने शुरू की है। सऊदी के राजे सलमान और क्राउन प्रिंस बिन सलमान के हाथ में सत्ता आने के बाद खशोगी ने उनकी नीतियों पर खुलकर आलोचना करने का जोखिम उठाया था। इस वजह से उनको रास्ते से हटाया गया है, ऐसा आरोप सऊदी के राजघराने के विरोधक तुर्की, ईरान और अमरीका के कुछ नेता और मीडिया के समूह कर रहे हैं।

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