भारत ने ईरान के ईंधन की खरीदारी बढ़ाई

नई दिल्ली – अमरिका ने ईरान पर जारी किए कठोर प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर ईरान से इंधन खरीदी करने में दिक्कते आने की आशंका गहरी हो रही है। इसी दौरान भारत की  ईरान से आयात होनेवाले कच्चे तेल के आयात की मात्रा बढी है, ऐसा उजागर हुआ है। इस में अप्रैल महीने में ईरान से आयात कच्चे तेल में २०१६ के बाद सबसे अधिक बढ़त दिखाई दी है। चीन के बाद ईरान से कच्चे तेल आयात करनेवाला भारत यह दूसरा देश ठहरा है। इसके साथ ही मई महीने में अमरिका से प्रतिबंध जारी होने के बाद ईरान और भारत में ईंधन व्यवहारों पर कितने परिणाम होंगे, इस पर विशेषज्ञों का ध्यान लगा हुआ है।

ईंधन

भारत ईरान में छाबर बंदरगाह विकसित कर रहा है। इसके लिए भारत ने ईरान में बड़े निवेश किए हैं। तथा ईरान के ईंधन परियोजना में भी भारत में निवेश किया है। ईरान यह भारत का तीसरा सबसे अधिक ईंधन निर्यातदार देश है। पिछले २ वर्षों में भारत और ईरान में इंधन व्यवहार में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। मार्च महीने में ईरान से आने वाले ईंधन में प्रति वर्ष की तुलना में २० फ़ीसदी तक बढ़त हुई थी, तथा अप्रैल महीने में इसमें अधिक बढ़ोतरी हुई दिखाई दे रही है।

अप्रैल महीने में प्रतिदिन ६ लाख ४० हजार बैरल कच्चा तेल ईरान से भारत में निर्यात किया गया। इस दौरान संपुर्ण अप्रैल में भारत ने प्रतिदिन कुल ४.५१ दशलक्ष बैरल कच्चा तेल आयात किया था। पिछले वर्ष के अप्रैल महीने की तुलना में इस वर्ष अप्रैल महीने में भारत ने आयात किये कच्चे तेल कि मात्रा में २.५ फ़ीसदी बढ़त हुई है। इसमें ईरान से आयात किए जाने वाले ईंधन का हिस्सा बहुत बड़ा है।

अक्टूबर २०१६ के बाद ईरान से पहली बार इतने बड़े तादाद में कच्चे तेल आयात किए गए हैं। अमरिका ने ईरान के साथ परमाणु करार करने के बाद जनवरी २०१६ में ईरान पर लगाये प्रतिबंध हटाए थे। इसकी वजह से भारत फिर एक बार ईरान से बड़ी तादाद में कच्चे तेल आयात कर सका था। पर अब इरान के साथ हुए परमाणु समझौते से पिछे हट कर अमरिका ने दोबारा इरान पर प्रतिबंध लागू किए हैं।

अमरिका ने नए ईरान पर जारी किए इन प्रतिबंधों का भारत के ईंधन आयात पर क्या परिणाम होगा, यह कहना अब जल्दबाजी होगी, ऐसा पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कई दिनों पहले कहा था। पर अमरिका ने ईरान पर प्रतिबंध जारी किया है, फिर भी यूरोपीय देश ईरान के बारे में ऐसी कठिन कठोर भूमिका का स्वीकार नहीं कर रहे। तब तक ईरान के साथ भारत के ईंधन व्यवहार पर बड़ा परिणाम दिखाई नहीं देगा, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

अमरिका के प्रतिबंधों का झटका ईरान से ईंधन खरीदारी करने वाले ग्राहक देशों को न लगे इसके लिए इन देशों की गतिविधियां शुरू है और इसमें भारत का भी समावेश दिखाई दे रहा है।

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